अमरावती/दि.29– महाराष्ट्र राज्य न्यायालयीन कर्मचारी महासंघ गट क जिला न्यायालयीन कर्मचारी संगठन वर्ग 3, महाराष्ट्र राज्य न्यायालयीन कर्मचारी महासंघ गट ड के संयुक्त तत्वधान में समान काम- समान वेतन की मांग को लेकर शासन से फ्लोअप लिया था. मगर इस मांग की ओर न्याय व्यवस्था व्दारा नजर अंदाज करने के कारण अमरावती न्यायालय के आंदोलन का मार्ग चुना. साथ ही अपनी मांगो का लेटर मुख्य न्यायमूर्ती, उच्च न्यायालय मुंबई को संयुक्त रुप से भेजा.
न्यायालयीन कर्मचारियों को वेतन श्रेणी में सुधार होने के लिए उच्च न्यायलय में न्यायालयीन कर्मचारी की तरह अन्य न्यायालय के सभी पदोें के न्यायलयीन कर्मचारियों को समान काम के लिए समान वेतन मिलने के लिए तीनों ही संगठनों ने मांग की है. इसी तरह न्यायालयीन कर्मचारियों की विविध प्रलंबित मांग के संदर्भ में उच्च न्यायालय व शासन व्दार पर कर्मचारी संगठन ने अनेक समय निवेदन प्रस्तुत किया है. मगर अभी तक उनके निवेदन पर विचार नहीं किया गया. जिसके कारण न्यायालयीन कर्मचारी अन्याय के विरोध में आकर आक्रमक हो गए है. अब न्याय मिलने के लिए आंदोलन के सिवाए मार्ग न होने की बात कर्मचारी संगठनों ने कही है. जिसके कारण गुरुवार को अमरावती न्यायालय के लगभग 150 कर्मचारियों ने इकठ्ठा होकर मांग के संदर्भ में यलगार पुकारते हुए कार्यालयीन कार्य के बाद लगभग 1 घंटे तक निदर्शन व आगामी आंदोलन के बारे में पदाधिकारियों ने संगठन के कार्यकर्ताओें का मार्गदर्शन किया. इस आंदोलन में अमरावती जिला न्यायालयीन कर्मचारी संगठन(वर्ग 3) के अध्यक्ष मधुसुदन देशमुख, उपाध्यक्ष अमोल जोशी,पवन तिखीले, सचिव जितेन्द्र काशीकर, सहसचिव आर.जी. पाचपोर, कोषाध्यक्ष वी.एस. बोरोकर, सहकोषाध्यक्ष पी.बी.चौबे, महाराष्ट्र राज्य न्यायालयीन कर्मचारी महासंघ (गट-क) के अध्यक्ष दिगंबर हरी निकम, सचिव विनोद मधुकरराव पाथरकर, नागेश एस. निरगांवकर, विजय गोविंद चव्हाण, महेश पाटील, ज्ञानेश्वर लिंबोले, सतिश मुंडे, महाराष्ट्र राज्य न्यायालयीन (गट-ड) कर्मचारी महासंघ उपाध्यक्ष संतोश गाडरे सहित तीनों संगठन के लगभग 150 से अधिक पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित थे.
आगे भी जारी रहेगा आंदोलन
दैनिक अमरावती मंडल को जानकारी देते हुए अमरावती जिला न्यायालयीन कर्मचारी संगठन(वर्ग 3) के उपाध्यक्ष अमोल जोशी ने बताया कि अपनी मांगो को लेकर संगठन व्दारा आगे भी आंदोलन जारी रखा जाएगा. जिसमें 1 अप्रेल को काली रिबन बांध कर एक दिवसीय आंदोलन किया जाएगा. 2 से 4 अप्रेल के दौरान तीन दिनोें तक काली रिबन लगा कर कामकाज किया जाएगा. 10 से 15 जून के बीच एक हफ्ते तक काली रिबन लगा कर कामकाज किया जाएगा. 9 से 10 जुलाई के दौरान लाक्षणिक हडताल पुकारा जाएगा. इसी तरह 8 सितंबर तक मांग पुरी न होने 9 सितंबर से सभी न्यायालयीन कर्मचारी बेमुद्दत हडताल पर जाएगें.