प्रतिनिधि/ दि.२२
अमरावती – इस साल कोरोना संक्रमण की पार्श्वभूमि पर लगाए गए लॉकडाउन का फटका सभी को बैठा है. जिसमें विघ्नहर्ता श्री गणेश की मूर्तियों के भी दाम बढ गए है. पिछले वर्ष की तुलना में दोगुने भाव से मूर्तियां बेची जा रही है. इन दिनों मिट्टी की मूर्तियों की मांग भी बढी है. राज्य में गणेशोत्सव का अलग ही महत्व है राज्य के बडे उत्सवों में से एक है गणेश उत्सव आज सुबह से ही बाप्पा की मूर्तियां खरीदने के लिए भाविकों की भीड दिखायी दी. कोरोना के चलते सार्वजनिक तालाबों व नदियों में मूर्तियों के विसर्जन पर शासन द्वारा पाबंदी लगा दी है. जिसमें मिट्टी की मूर्तियों की मांग बढी है. जिससे मूर्तियों के दाम डबल हो गए.
गणेश उत्सव के लिए मूर्तिकार गणेश मूर्तियां बनाने की शुरुआत ग्रीष्मकाल से करते है. किंतु ग्रीष्मकाल में अचानक कोरोना ने देशभर में दस्तक दी इस वजह से संपूर्ण देशभर में लॉकडाउन कर दिया गया. जिससे यातायात व्यवस्था बंद हो गई जिसका परिणाम मूर्तिकारों पर पडा. इन मूर्तिकारों को मूर्ति बनाने के लिए सामग्री, मिट्टी, कलर, पीओपी समय पर उपलब्ध नहीं हुआ. जो सामग्री इन्हें उपलब्ध हुई उसके भी दाम बढे हुए थे. जिसका परिणाम मूर्तियों के दाम पर भी हुआ पिछले वर्ष जो बाप्पा की मूर्ति ५०० रुपए में बेची गई थी वही मूर्ति भाविकों को इस साल १ हजार से १२०० रुपए में खरीदनी पड रही है. ऐसा चित्र बाजारो में दिखायी दे रहा है.
कोरोना को लेकर शासन द्वारा दिए गए निर्देशो के अनुसार ही मूर्तिकारों को काम करना पडा जिसमें यातायात व्यवस्था पर बंदी लगाए जाने के कारण मूर्तिकारों को मूर्तियां बनाने में काफी परेशानी आयी. जिसका परिणाम सीधे मूर्तियों के दाम पर पडा. इस साल रंगों की कीमत भी बढी है. उत्सव मनाने के लिए भाविक बढते दाम की भी परवाह किए बिना विघहर्ता का आगमन अपने घर में कर रहे है. शासन द्वारा निर्देशों के अनुसार ही १० दिन तक यह उत्सव मनाया जाएगा. गणेशोत्सव के दौरान शहर में रौनक रहेगी. नागरिकों ने उत्साह के साथ आज सुबह से ही बाप्पा के आगमन की तैयारी कर ली है.