* महिला बचत समूह और गृहणियों द्बारा की जा रही खरीदी
नांदगांव खंडेश्वर/ दि. 16 – आचार, कैंडी और मुरब्बा बनाने के लिए आंवले की मांग तेजी से बढ रही है. वर्तमान में 60 रूपए प्रति किलो आंवले का दाम हैं. आनेवाले हफ्तों में मांग बढने की संभावना है. विटामीन सी युक्त आवले की आवक बाजार में दीपावली से पहले शुरू हो जाती है और त्यौहार खत्म होते ही दिसंबर माह में गृहणियां आंवले से तरह- तरह के खाद्य पदार्थ बनाना शुरू कर देती है. आवले से बने खाद्य पदार्थ पूरे साल तक टिके रहते हैं.
पोषण विशेषज्ञों के अनुसार आंवले को पकाने के बाद भी उसमें मौजूद विटामीन सी नष्ट नहीं होता. इसीलिए गुड या चीनी की चाशनी में आंवले को पकाकर कैंडी, मुरब्बा, अदरक और आंवले का रस हरी मिर्च डालकर अचार बनाया जाता है. इसके लिए कम से कम 4 से 5 किलो आंवले की खरीदारी की जाती है. इन दिनों महिलाओं द्बारा बडे पैमाने पर आंवले की खरीदी की जा रही है.
* आंवला स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
सर्दियों के मौसम में कच्चे आंवले या इससे बने खाद्य पदार्थो का सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है. इस फल में सबसे अधिक मात्रा में विटामीन सी पाया जाता है. इससे तैयार किए गये खाद्य पदार्थो में भी विटामीन सी बरकरार रहता है. इसीलिए इसे बहुगुणी फल कहा जाता है. कुछ गृहणियां आंवले से घर पर ही च्यवनप्राश तैयार करती है. आंवला खट्टा- तीखा जरूर होता है. लेकिन इसमें गुड, चीनी, मसाले मिलाकर तैयार किए गये व्यंजन स्वादिष्ट और सेहतमंद होते हैं. आंवले का सेवन त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद होता हैं.
* घरेलू उद्योग और महिला बचत समूहों से बढी मांग
आवले की आवक में वृध्दि हुई है और मकर संक्रांति तक इसका सीजन रहता है. इस दौरान आवले की मांग सबसे अधिक होती है. घरेलू उद्योग, महिला बचत समूह और गृहणियों द्बारा आंवले की बडी मात्रा में खरीदी की जा रही है. महिला बचत समूहों द्बारा आंवले से तैयार किए गये विविध उत्पादन बाजार में उपलब्ध हैं. च्यवनप्राश, कैंडी, अचार, मुरब्बा आदि वस्तुए बडी मात्रा में बेची जा रही है. कम समय में उपलब्ध होने के कारण इसकी मांग हमेशा बनी रहती है.