पीएम केयर्स फंड की पारदर्शिता पर दोबारा सुनवाई की मांग
७ दिसंबर को मामले के मेरिट पर युक्तिवाद करने के हाईकोर्ट के निर्देश
अमरावती प्रतिनिधि/दि.२४ – मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में एड. वाघमारे अरविंद वाघमारे ने पीएम केयर्स फंड की पारदर्शिता पर पुनर्विचार याचिका दायर की थी. उस याचिका पर सोमवार को न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे और न्यायमूर्ति अनिल केल्लोर की खंडपीठ में सुनवाई हुई है. नागपुर हाईकोर्ट ने सभी पक्षों की सुनवाई शुरु करने की तैयारी पूछी. एक ओर जहां याचिकाकर्ता वाघमारे सुनवाई के लिए तैयार थे तो दूसरी ओर केंद्र सरकार का एड.उल्हास औरंगाबादकर ने दलीलें पेश की. इस मूल याचिका पर भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने युक्तिवाद किया था, इसलिए पुनर्विचार आवेदन पर भी वे ही केंद्र सरकार का पक्ष रखने वाले हैं. इसलिए केंद्र सरकार को वक्त चाहिए. हाईकोर्ट ने उन्हें समय देते हुए ७ दिसंबर को मामले के मेरिट पर युक्तिवाद करने के निर्देश दिये है. उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व भी नागपुर खंडपीठ ने २७ अगस्त को मूल जनहित याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें याचिकाकर्ता ने जमा रकम के लेन-देन को सार्वजनिक नहीं करने, पीएम केयर्स फंड चैरेटेबल ट्रस्ट पर नए सदस्यों की नियुक्ति न करने, ट्रस्ट का ऑडिट कराने जैसे विभिन्न मुद्दे उठाये गए थे. पुनर्विचार आवेदन में याचिकाकर्ता ने विशेष खंडपीठ का गठन कर याचिका पर दुुबारा सुनवाई की प्रार्थना की है. याचिकाकर्ता के अनुसार २७ अगस्त को उनकी याचिका खारिज करते वक्त हाईकोर्ट ने कई मुद्दों पर गौर नहीं किया. मुख्यत: इस बात पर दिल्ली में सार्वजनिक ट्रस्ट की सुनवाई के लिए कोई विशेष स्वायत्त संस्था नहीं है.