अमरावती

रोग प्रतिकात्मक शक्ति बढाने वाली औषधियों की मांग बढी

कोरोना काल में 1 लाख 34 हजार करोड का व्यापार

अमरावती/दि.8 – कोरोना महामारी के चलते रोग प्रतिकात्मक शक्ती बढाने वाली औषधियों की मांग पिछले वर्ष से बढी है. जिसमें संपूर्ण विश्वभर में 11.6 फिसदी औषधियों की मांग में बढोत्तरी दिखाई दी. औषधी उद्योग की विविध संस्थाओं के अनुमान के अनुसार 2021 में भी 10 प्रतिशत बढने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है.
अमेरिका की बिजनेस इनसाइट संस्था ने हाल ही में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार 2017 से 2019 साल में रोग प्रतिकार शक्ति बढाने वाली औषधियों की बिक्री स्थिर थी. किंतु 2020 में अचानक उसमें 11.6 फीसदी वृद्धी हुई है. यह वृद्धी 2021 में भी 10 फीसदी बढेगी. 2020 में विश्वस्तर पर 18.22 बिलियंट डॉलर की यानि 1 लाख 34 हजार करोड रुपए की बिक्री हुई है. 2020 में यही बिक्री 20.18 मिलियन डॉलर पर जाने की संभावना है. 2028 तक औषधियों का बाजार 31.50 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा ऐसी संभावनाएं है.
भारत, चीन सहित ऐशियाई कंपनियां औषध उद्योग में हिस्सा अमेरिका की तुलना में कम है फिलहाल इन औषधियों की कुल बिक्री उत्तर अमेरिका के औषधी कंपनियों का हिस्सा 65.8 फीसदी है. कोरोना काल में रोग प्रतिकात्मक शक्ती बढाने वाली अनेक औषधी बाजार में आयी है जिसमें एलोपैथी, होमियोपैथी, आयुर्वेदिक औषधियों का समावेश है. विश्व की अनेक नामांकित औषध कंपनियों ने कोरोना काल में लोगों की जरुरत को पहचानकर नई रोग प्रतिकारात्मक औषधियां बाजार में लायी है. जिसमें लिक्विड, पाउडर, गोलियां स्वरुप की औषधियों का समावेश है और यह बाजारों में आ रही है. अमेरिका की तुलना में चीन व भारत का औषधी निर्माण में भले ही हिस्सा कम है किंतु पिछले एक साल से दोनो ही देशों में औषधियों का उत्पादन बढा है.

भारतीय औषधियों की मांग बढी

कोरोना काल में रोग प्रतिकारत्मक शक्ति बढाने वाली औषधियों की मांग बढी है. जिसकी वजह से ऐसी औषधियों का उत्पादन व निर्यात बढने के चिन्ह दिखाई दे रहे है. भारतीय औषधियों ने विश्व स्तर पर विश्वास हासिल किया है और औषधियों के परिणाम भी अच्छे दिखाई दिए.
– महेश दोषी,
अध्यक्ष इंडियन ड्रग मेन्युफैक्चरस एसो.

आयुर्वेदिक औषध निर्मिती बढाए जाने पर जोर

मॉर्डर इंटेलिजन्स संस्था द्बारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार चीनी औषधियों सहित भारतीय आयुर्वेदिक औषधियों की ओर अनेक देशों के नागरिकों का आकर्षण बढा है जिसकी वजह से अब आयुर्वेदिक औषधियों की निर्मिती बढाने पर जोर दिया जाएगा और बडे प्रमाण में औषधी निर्माण के कारखाने भी बढाए जाएंगे.

Related Articles

Back to top button