अमरावती /दि.3- महाविकास आघाडी सरकार में राज्यमंत्री रह चुके विधायक बच्चू कडू ने एकनाथ शिंदे गुट में शामिल होेने के बाद अब मुख्यमंत्री से दिव्यांगों के लिए स्वतंत्र कल्याण मंत्रालय मांगा है. जिसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री शिंदे को एक पत्र लिखा है.
महाराष्ट्र की स्थापना होने के बाद मागास वर्गीय, महिला व बालकल्याण, विमुक्त जाति, भटक्या जमाति व अन्य मागास वर्गीय कल्याण, दिव्यांगों के विविध दुर्लक्षित घटकों के कल्याण के लिए समाज कल्याण विभाग व मंत्रालय की स्थापना की गई थी. लेकिन विविध कल्याणकारी घटकों के प्रशासकीय काम का बोझ बढता गया. पश्चात प्रत्येक घटक को न्याय देने समाज कल्याण विभाग से एक-एक कल्याणकारी घटक स्वतंत्र कर उसके लिए स्वतंत्र मंत्रालयों की निर्मिति की गई. वर्ष 1982 में आदिवासी विभाग, 1999 में महिला व बालकल्याण विभाग वर्ष 2018 मेें भटक्या जमाति व बहुजन कल्याण के लिए स्वतंत्र मंत्रालय की निर्मिति की गई. दिव्यांग कल्याण आयुक्तालय स्वतंत्र करने के बाद भी दिव्यांग आयुक्तालय व विभाग पर संपूर्ण नियंत्रण सामाजिक न्याय विभाग का ही रहा. दिव्यांग भी समान व्यवस्था का अत्यंत दुर्लक्षित घटक है. इस घटक के कल्याण के लिए विशेष मंत्रालय रहना जरुरी है, ऐसा बच्चू कडू ने मुख्यमंत्री को दिये पत्र में कहा है.
* इन मुद्दों पर खिंचा ध्यान
स्वतंत्र आयुक्तालय की स्थापना कर दिव्यांगों पर विशेष ध्यान नहीं दिया जा सकता. रास्तों पर भीक मांगने वालों में अधिकांश दिव्यांग है. ज्येष्ठ नागरिकों की देखभाल व कल्याण, 18 वर्ष से अधिक आयु वाले अनाथ व्यक्तियों का कल्याण व योजना दिव्यांग कल्याण मंत्रालय के नियंत्रण में चलायी जाए. संबंधित योजनाएं दिव्यांग मंत्रालय के नियंत्रण में चलाने से अधिक से अधिक लाभार्थियों का उसका लाभ मिलेगा, ऐसा बच्चू कडू का कहना है.