रेडिमेड फराल की मांग बढी, कीमतों में 20-30 फीसद उछाल
शहर में जगह-जगह सजी दीपावली फराल की दुकाने
अमरावती-दि.22 दीपावली पर्व का नाम सुनाई देते ही आंखों के सामने पटाखों के साथ ही विभिन्न तरह के स्वादिष्ट खाद्यपदार्थ घुमने लगते है. जिन्हें दीपावली का फराल कहा जाता है. इस फराल में चिवडा, लड्डू, शंकरपाले, भुजिया, अनारसे व चकली जैसे पदार्थों का समावेश रहता है. ज्यादातर परिवारों में महिलाओं द्वारा दीपावली का फराल अपने-अपने घरों पर ही तैयार किया जाता है. किंतु इन दिनों कई घर-परिवारों की महिलाएं नौकरीपेशा हो गई है. ऐसे में उनके पास अन्य कई काम रहने के चलते दीपावली का फराल बनाने के लिए समय ही नहीं होता. ऐसे में इन महिलाओं द्वारा रेडिमेड फराल खरीदना पसंद किया जाता है. चूंकि इन दिनों कामकाजी महिलाओं का प्रमाण बढने लगा है. जिसके चलते बदलते दौर के साथ रेडिमेड फराल की मांग भी बढने लगी है. यहीं वजह है कि, इस समय शहर के विभिन्न इलाकों में दीपावली पर्व के मद्देनजर फराल की अस्थायी दुकाने सज गई है. जहां पर विभिन्न प्रकार के खाद्यपदार्थ अलग-अलग पैकिंग में बिक्री हेतु उपलब्ध कराये जा रहे है.
उल्लेखनीय है कि, इससे पहले दीपावली के फरालवाली वस्तुएं केवल दीपावली पर्व के आसपास ही खाने हेतु उपलब्ध हुआ करती थी. जिसके चलते सभी घर-परिवारों में इन वस्तुओं को डिब्बा भर-भरकर बनाया जाता था. लेकिन अब ये वस्तुएं पूरे सालभर मिष्ठान्न भंडारों में बिक्री हेतु उपलब्ध होती है. जिसके चलते अब दीपावली पर ऐसी जहमत करने की कोई जरूरत नहीं बची है. बल्कि अधिकांश घर-परिवारों की महिलाएं इन खाद्य पदार्थों को रेडिमेड लाने पर ही जोर देती है. जिसके चलते दिनोंदिन रेडिमेड पदार्थों की मांग बढती जा रही है.
वहीं दूसरी ओर इस समय किराणा वस्तुओं व खाद्य तेलों के दामों सहित मजदूरी की दरों में इजाफा होने के चलते दीपावली के फरालवाले खाद्य पदार्थों के दाम भी बढे हुए है. स्थानीय बाजार में अलग-अलग स्थानों पर लगी फराल की दुकानों का मुआयना करने पर पता चला कि, गत वर्ष की तुलना में इस बार दीपावली का फराल 25 से 30 फीसद महंगा है. हालांकि इसका कोई खास फर्क पडता दिखाई नहीं दे रहा, क्योंकि बाजार में दीपावली के रेडिमेड फराल की अच्छी-खासी मांग चल रही है. यद्यपि स्वास्थ्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई लोगबाग दीपावली का फराल अपने घर पर ही बनाने पर जोर देते है. लेकिन जिन घर-परिवारों में अब दीपावली का फराल बनाने की आदत छूट गई है. ऐसे परिवारों द्वारा दीपावली का फराल रेडिमेड खरीदने पर ही जोर दिया जा रहा है.
* फराल के तुलनात्मक दाम
साहित्य गत वर्ष के दाम इस वर्ष के दाम
अनारसे (उंडी) 200 300
अनारसे (तले हुए) 230 420
अनारसे (देसी घी) 400 520
चकली 280 320
पिठी भुजिया 400 520
नरियल भुजिया 420 520
मीठे शंकरपाले 200 240
खारे शंकरपाले 200 240
रवा बेसन लड्डू 280 300
तिल्ली लड्डू 220 300
बेसन लड्डू 210 280
बुंदी लड्डू 200 280
सादा चिवडा 240 300
तला हुआ चिवडा 250 350
सादे सेव 200 220
मसाला सेव 200 260