परतवाडा प्रतिनिधि/दि. ११ – शहर में विगत कुछ वर्षो से रेडीमेड फराल का चलन बढ़ा था. जिसमें नागरिक दीपावली पर अपने घरों में फराल न बनाकर रेडीमेड फराल ही खरीद रहे थे. जिसमें शहर के चौक-चौराहों पर फराल की दुकान लग रही थी. किंतु इस साल कोरोना महामारी के प्रादुर्भाव को लेकर नागरिको में भय व्याप्त है. जिसका परिणाम फराव व्यवसायियों पर हो रहा है. इतना ही नही किराणा के दाम बढऩे से फराल के भी दाम बढ़ गये है. जिसमें अब नागरिक घर में ही फराल बनाना पसंद कर रहे है.
घी व तेल के बढ़ते दामों का परिणाम मिठाईयों पर हो रहा है. ४०० से ५०० रूपये किलो बिकनेवाले घी के दाम बढ़कर ७०० रूपये हो गये है. दिवाली के त्यौहार पर मुख्य रूप से बनाये जानेवाले पदार्थो में लड्डू, चूड़ा,गुजिया, चकली, अनारसे का समावेश होता है. इनके भी दाम बढ़ाए जाने से मांग में कमी आयी है. कोरोना के चलते अब घरों में ही फराल बनाने का चलन वापस आ गया है. जिसका परिणाम फराल विक्रेताओं पर हो रहा है.