उच्च शिक्षा के लिए ट्रान्स्क्रिप्ट की मांग
अमरावती विश्वविद्यालय से पिछले वर्ष 640 विद्यार्थियों का आवेदन
अमरावती/ दि.18 – भारतीय विद्यार्थी विदेश में उच्च शिक्षा को प्रावधान देते है, लेकिन पिछले वर्ष रशिया-यूक्रेन के बीच हुए युध्द के कारण विद्यार्थियों के बुरे हाल हुए है. परिणाम स्वरुप संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ से वर्ष 2022 में विदेश में उच्च शिक्षा लेने के लिए लगने वाली ट्रान्स्क्रिप्ट की संख्या कम हुई है.
कोरोना में दो वर्ष बीत जाने के बाद 24 फरवरी 2022 से रशिया-यूके्रन युध्द शुुरु हुआ. इस युध्दा का परिणाम भारतियों पर भी हुआ है. भारतीय विद्यार्थी वैद्यकीय शिक्षा लेने के लिए यूके्रेन को अधिक पसंद करते है, लेकिन युध्द के बाद फरवरी-मार्च 2022 में उच्च शिक्षा लेने के लिए गए भारतीय विद्यार्थियों के काफी बुरे हाल हुए. उन्हें शिक्षा अधुरी छोडकर देश लौटना पडा. वैद्यकीय शिक्षा के लिए प्रवेशित विद्यार्थियों को आगे परीक्षा कैेसेे और कहा देना, यह भी प्रश्न उपस्थित हुआ था. अमरावती जिले के 10 विद्यार्थी युक्रेन से अनेक संकट पर मात करते हुए वापस देश लौटे थे. संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ अंतर्गत अकोला, बुलढाणा, वाशिम, यवतमाल और अमरावती इन पांचों जिलों से उच्च शिक्षा के लिए विद्यार्थी ट्रान्स्क्रिप्ट की मांग करते है. कोरोना और रसिया-यूके्रेन युध्द के पूर्व हर वर्ष 1 हजार से 1300 के दौरान ट्रान्स्क्रिप्ट विदेश में भेजे जाते थे, लेकिन पिछले वर्ष केवल 640 ट्रान्स्क्रिप्ट कार्ड भेजे गए है. यह आंकडेवारी काफी कम हुई है. अमरावती विद्यापीठ के विद्यार्थियों की वेस्ट कैनडा, इक्वास कैनडा, वेस्ट यूएसए आदि देश में उच्च शिक्षा के लिए ट्रान्स्क्रिप्ट की अधिक मांग है.
वर्ष 2022 में ट्रान्स्क्रिप्ट कार्ड की मांग
जनवरी 51, फरवरी 61, मार्च 66, अप्रैल 47, मई 47, जून 52, जुलाई 41, अगस्त 50, सितंबर 66, अक्तूबर 49, नवंबर 54 और दिसंबर माह में 56 ट्रान्स्क्रिप्ट कार्ड की मांग हुई है.
अभी भी युध्द की छाया
यूके्रन में वैद्यकीय शिक्षा के लिए रहे विद्यार्थियों की संख्या पूर्ण हुई और डिग्री भी मिली है, लेकिन पिछले वर्ष जून 2022 में उच्च शिक्षा के लिए विद्यार्थियों के बुरे हाल हो रहे है. यूक्रेन में अभी भी युध्द की स्थिति है. मेरे बेटे की वैद्यकीय शिक्षा पूर्ण हुई है.
– प्रसेनजीत तेलंग,
पालक, चांदूर रेलवे