विदेश में उच्च शिक्षा के लिए ‘ट्रांसस्क्रिप्ट’ की मांग कम हुई
अमरावती विश्व विद्यालय अंतर्गत विद्यार्थियों की संख्या कम
अमरावती/दि. 16– पिछले कुछ साल में विदेश में उच्च शिक्षा लेने के लिए जाने वालों का प्रमाण अधिक था. लेकिन 2020 में कोरोना महामारी के बाद विदेश में शिक्षा लेने के लिए जानेवालों का प्रमाण कम हुआ है. विशेष रुप से संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ अंतर्गत विदेश में शिक्षा के लिए आवश्यक ‘ट्रांसस्क्रिप्ट’ प्रमाणपत्र की मांग में कमी आई है.
अब तक अमरावती विश्व विद्यालय से उच्च शिक्षा लेने के लिए विदेश जाते समय आवश्यक रहा ‘ट्रांसस्क्रिप्ट’ प्रमाणपत्र यह कैनडा, ऑस्ट्रेलिया, यूके, यूएस, उजबेकिस्तान, रशिया, आयलैंड तथा यूरोपीय देश की शिक्षण संस्था, विद्यापीठ के नाम भेजे गए हैं. लेकिन कोरोनाकाल के बाद इसमें आमूलाग्र बदलाव हुआ है. अमरावती विद्यापीठ में पिछले 5 सालों का लेखाजोखा देखा तो हाल में ‘ट्रांसस्क्रिप्ट’ प्रमाणपत्र मांग की विद्यार्थियों की संख्या 100 से 125 कम हुई है.
* वर्ष 2023 में 557 विद्यार्थी गए शिक्षा के लिए विदेश
– जनवरी – 40
– फरवरी – 50
– मार्च – 44
– अप्रैल – 44
– मई – 35
– जून- 49
– जुलाई – 55
– अगस्त – 43
– सितंबर – 49
– अक्तूबर – 57
– नवंबर -39
– दिसंबर – 52
* गत वर्ष में ‘ट्रांसस्क्रिप्ट’ की मांग
– 2018 – 734
– 2019 – 767
– 2020 – 494
– 2021 – 630
– 2022 – 640
* विदेश छात्रवृत्ति से विद्यार्थियों को लाभ
राज्य शासन की तरफ से ओबीसी, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति प्र-वर्ग के विद्यार्थियों को विदेश में उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति दी जाती है. इस योजना के माध्यम से शोषित, पीडित, वंचित घटक के छात्र-छात्राएं विदेश में उच्च शिक्षा ले रही हैं. रोजगार, नौकरी का सपना पूर्ण करती है, यह सच्चाई है.
* कोरोना के बाद ‘ट्रांसस्क्रिप्ट’ की मांग घटी
विदेश में उच्च शिक्षा, कायमस्वरुप निवासी, वीसा आदि कारणों के लिए विद्यापीठ के पास ‘ट्रांसस्क्रिप्ट’ की मांग रहती है. नियमानुसार प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद यह प्रमाणपत्र बंद लिफाफे में सीधा भेजा जाता है. लेकिन कोरोना के बाद ‘ट्रांसस्क्रिप्ट’ की मांग कम हुई है यह सच्चाई है. अनेको ने देश में ही रोजगार नौकरी को पसंद किया होगा.
– मोनाली तोपे (वानखडे),
प्रभारी संचालक परीक्षा व मूल्यांकन मंडल,
अमरावती विद्यापीठ