अमरावती

फसल कर्ज की मर्यादा बढाने की मांग

बढती महंगाई से बढ गया है लागत खर्च

* खरीफ पर ही वर्ष भर का दारोमदार- किसान
अमरावती/दि.7– विगत 2 वर्ष में तेजी से बढी महंगाई से कृषि क्षेत्र भी प्रभावित है. रासायनिक खाद, बीज, मशागत खर्च, मजदूरी सबकुछ बढ गया है. जिससे किसानों का लागत खर्च भी तेजी से बढा है. ऐसे में खरीफ के लिए मिलने वाले फसल कर्ज की मर्यादा बढाने की मांग किसान कर रहे है. इस वर्ष गत वर्ष की तुलना में फसल कर्ज की मर्यादा आंशिक बढाई गई है. लेकिन फसल कर्ज की मर्यादा किसान के खेती की कीमत से 50 प्रतिशत निर्धारित करने की मांग की जा रही है.
इस वर्ष निजी मार्केट में सोयाबीन व कपास को हर वर्ष की तुलना में अधिक भाव मिला. लेकिन कई किसानों का उत्पादन घट गया. जिससे बडे हुए दामों का ज्यादा लाभ किसानों को नहीं मिल पाया. ऐसे में इस वर्ष का खरीफ मौसम एक महिने पर आ गया है. इसलिए किसानों ने खरीफ के लिए तैयारी शुरु कर दी है. ऐसे में फसल कर्ज समय पर मिलना किसानों के लिये महत्वपूर्ण है. लेकिन कई बैंक किसानों को समय पर कर्ज नहीं देती. जिससे किसानों को साहुकारों से कर्ज लेना पडता है. किसानों द्बारा फसल कर्ज की मर्यादा बढाने की मांग लगातार की जा रही है. इस वर्ष फसल कर्ज की मर्यादा में 10 प्रतिशत तक वृद्धि की गई है. हाल ही में तांत्रिक गुट समिति द्बारा निश्चित व बैंक द्बारा स्विकृत कर्ज के नये रेट सामने आये. जिससे यह खुलासा हुआ कि, इस वर्ष भी फसल कर्ज की मर्यादा सीमित ही रहेगी.

* 1400 करोड वितरण का लक्ष्य
इस वर्ष के खरीफ मौसम में जिले में 1 हजार 400 करोड रुपए फसल कर्ज वितरण का उद्दिष्ट निश्चित किया गया है. बिते वर्ष जिले में 1 हजार 200 करोड रुपयों के कर्ज वितरण का लक्ष्य था. उसमें से 90 प्रतिशत कर्ज वितरीत हुआ.
– जितेंद्रकुमार झा, व्यवस्थापक, अग्रणी बैंक.

* जमीन के 50 प्रतिशत कीमत जितना कर्ज मिले
किसानों को फसल कर्ज का वितरण करते वक्त कर्ज की मर्यादा बढाकर मिले. किसानों के खेती की वर्तमान कीमत से 50 प्रतिशत फसल कर्ज का वितरण करने की मांग कई वर्षों से की जा रही है. इस वर्ष भी यह मांग पूर्ण नहीं हुई. इस वर्ष आंशिक रुप से कर्ज मर्यादा बढी है, जिसका कोई खास लाभ किसानों को नहीं होगा.
– प्रकाश साबले, किसान नेता.

* 6.98 लाख हेक्टेअर पर खरीफ की बुआई
जिले में कुल 1 हजार 985 गांव है, जिनमें किसानों की संख्या 4 लाख 70 हजार 205 है. इनमें से 1 लाख 61 हजार 108 यानि 34 प्रतिशत किसान ऐसे है, जिनके पास एक हेक्टेअर से कम खेती है. जिले में 40 प्रतिशत किसान अल्पभूधारक है, इन किसानों की संख्या 1 लाख 88 हजार 756 इतनी है. जिले मेें 1 लाख 20 हजार 341 किसान मध्यम व बहुभूधारक है. ऐसे किसानों का प्रतिशक जिले में 26 फीसद है. खरीफ के मौसम में जिले में 6.98 लाख हेक्टेअर पर विभिन्न फसलों की बुआई की जाती है. जिले में सोयाबीन, कपास व तुअर यह खरीफ की मुख्य फसले है. जिले में औसतन 862 मिली मीटर बारिश होती है.

Related Articles

Back to top button