जिले में गिला अकाल घोषित कर किसानों को प्रति हेक्टेअर 50 हजार आर्थिक मदद देने की मांग
कांग्रेस कमेटी का जिलाधीश को निवेदन
अमरावती /दि.27– जिले में विगत हफ्ते अतिवृष्टि के कारण खेती व प्राणियों पर आफत की मार पडी. कई घरों का नुकसान हुआ, फसल बह गई. दुधारु व अन्य मवेशियों का भी बडी संख्या में नुकसान हुआ है. लेकिन अभी तक हुए नुकसान के पंचनामें व मुआवजा वितरण की कार्रवाई नहीं हुई है. जिससे जिले में हुए नुकसान का तत्काल सर्वे कर नुकसान प्रभावित किसान, नागरिक व पशुपालकों को मुआवजा दिया जाये, जिले में अतिवृष्टि के कारण तुअर, सोयाबीन, कपास, मूंग, उदड इन फसलों का भारी नुकसान हुआ है. खेतों में पानी जमा होने से तालाब का स्वरुप आया है. कईयों के घरों में बारिश का पानी घूसकर घरों का नुकसान हुआ. किसानों का दुबार व तिबार बुआई करनी पड रही है. इसलिए बारिश से हुए नुकसान पर मुआयना व पंचनामें कर जिले में गिले अकाल की घोषणा की जाये व नुकसानग्रस्त किसानों को प्रति हेक्टेअर 50 हजार रुपए आर्थिक मदद देने की मांग कांग्रेस पार्टी द्बारा जिलाधीश को सौंपे निवेदन में की गई.
आज पूर्व पालकमंत्री यशोमति ठाकुर, कांग्रेस जिलाध्यक्ष बबलू देशमुख, पूर्व विधायक विरेंद्र जगताप, विधायक बलवंत वानखडे, कांग्रेस शहराध्यक्ष बबलू शेखावत, सुधाकर भारसाकले के नेतृत्व में जिलाधीश को निवेदन सौंपा गया. निवेदन देेते वक्त कांगे्रस के पदाधिकारी प्रकाश कालबांडे, हरिभाउ मोहोड, ईश्वर बुंदेले, सुधीर देशमुख, प्रदीप देशमुख, श्रीधर काले, बालासाहब हिंगणीकर, विठ्ठल सरोदे, प्रशांत भोयर, प्रमोद दालु, सुधाकर खारोडे, विष्णु राठोड, ईश्वर देशमुख, सिद्धार्थ बोबडे, बाबुभाई इनामदार, प्रफुल्ल भोजने, विशाल भट्टड, समाधान दहातोंडे, बाबाराव कडू, राजेश काले, श्रीकांत झोडपे, मुकद्दर खान, सुरेश आडे, जयंत देशमुख, विनोद पवार, निलेश गुहे, उत्कर्ष देशमुख, रुग्वेद सरोदे समेत पदाधिकारी व कार्यकर्ता बडी संख्या में उपस्थित थे.
* केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को ईडी द्बारा बार-बार जांच के लिए बुलाया जा रहा है. इससे पहले 21 व 26 जुलाई को ईडी ने सोनिया गांधी से पूछताछ की. जिसके बाद आज फिर एक बार उन्हें ईडी कार्यालय बुलाया गया है. जिसके खिलाफ कांग्रेसियों ने निषेध प्रदर्शन कर केंद्र सरकार पर केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप किया. मोदी सरकार विरोधी पार्टी के नेताओं को जानबूझकर झूठे मामलों में फंसाने का प्रयास कर रही है. ऐसा कहते केंद्र सरकार के खिलाफ रोष भी व्यक्त किया गया.