आगामी लोकसभा चुनाव के बाद लोकतंत्र खत्म
‘भारतीय लोकतंत्र के सामने आनेवाली चुनौती’ विषय पर प्रा. श्याम मानव के विचार
अमरावती / दि. 4– भारतीय संविधान के समता, स्वतंत्रता, बंधुता व न्याय इन सामाजिक मूल्यों को नष्ट किया जा रहा है. जो सरकार के विरोध में बोलेगा, उसकी आवाज बंद की जाती है. इसलिए संविधान का जतन कर लोकतंत्र को बचाना आवश्यक है. साल 2024 में भारतीय जनता पार्टी फिर एक बार सत्ता में आएगी. इसके बाद इस देश में कभी भी चुनाव नहीं होंगे. केवल हुकूमत का राज होगा, लोकतंत्र खत्म हो जाएगा. 2024 में मोदी को हटाओ और लोकतांत्रिक दृश्य खुद के हाथ में लो, यह आवाहन अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक प्रा. श्याम मानव ने किया.
स्थानीय संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन में रविवार को निर्भय बनो विचार मंच की ओर से ‘भारतीय लोकतंत्र के सामने आने वाली चुनौती’ इस विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया था. इस अवसर पर अविनाश दुधे की अध्यक्षता में विधायक यशोमति ठाकुर प्रमुखता से उपस्थित थीं. प्रा. श्याम मानव ने कहा कि, भाजपा शासन काल में देश में सामाजिक घटक प्रवृत्तियां सक्रिय हुई हैं. जिसके कारण देश का वातावरण बिगड़ने लगा है. राष्ट्रीय एकता को क्षति पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है. वर्तमान में जो सरकार के खिलाफ बोलता है, उसकी आवाज बंद करने की कोशिश की जाती है. देश की उन्नति का एकमात्र माध्यम भारतीय संविधान है. किंतु वर्तमान में संविधान विरोधी कार्य किया जा रहा है. संविधान के समता, स्वतंत्रता, बंधुता व न्याय इन चार मूल्यों को नष्ट करने की साजिश रची गई है. देश में अंधश्रद्धा को बढ़ावा दिया जा रहा है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण को नष्ट किया जा रहा है. नई व्यवस्था पर भी दबाव नीति का इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसी स्थिति में देश को बचाना आवश्यक है, इसके लिए भारतीय संविधान का जतन जरूरी है. देश के लोकतंत्र को बचाने के लिए हमें एकजुट होना होगा. 2024 में मोदी को हटाकर लोकतंत्र अपने हाथों में लेना होगा, अन्यथा 2000 साल पूर्व की वर्ण व्यवस्था फिर एक बार सक्रिय होगी. प्रा. श्याम मानव ने आगे कहा कि, अंग्रेजों के काल में कई लोगों ने धर्मांतरण किया. मुस्लिम धर्म को स्वीकार किया. आज अपने ही लोगों के खिलाफ मनुष्य में द्वेष निर्माण किया जा रहा है. हिंदू मुस्लिम का भेद निर्माण किया जा रहा है. भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए द्वेष की राजनीति खेली जा रही है. अब कानून केवल कागजों पर सीमित रह गए हैं. हिंदू राष्ट्र की संकल्पना लाने वाली सनातन संस्था व वर्तमान सत्ताधारी देश से पुलिस, न्याय व्यवस्था, देश की सुरक्षा का कार्य करने वाले भारतीय जवानों को नष्ट करना चाहते हैं, यही कारण है कि, सरकार का विरोध करने वाले गोविंद पानसरे, नरेंद्र दाभोलकर, गौरी लंकेश जैसे लोगों को मौत के घाट उतारा गया और धीरेंद्र शास्त्री जैसे समाज में अंधश्रद्धा निर्माण करने वाले लोगों को बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि, केंद्र सरकार ने किसान विरोधी कानून संसद में पारित किया है जिसके लिए किसानों ने करीब 1 साल तक आंदोलन किया. आगामी चुनाव के मद्देनजर केंद्र सरकार ने किसान विरोधी कानून को केवल स्थगित रखा है, रद्द नहीं किया है. इसी प्रकार कामगार विरोधी कानून, सरकारी नौकरी भर्ती बंद कर समाज के कुछ घटकों पर अन्याय करना चाहते हैं. समाज से आरक्षण खत्म करना चाहते हैं. आने वाले समय में सेठजी और भट्टजी का राज होगा. इस अवसर पर उन्होंने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर हुए अन्याय का बखान किया. साथ ही राकांपा के शरदचंद्र पवार ने किस प्रकार 72 घंटे में आंदोलन समाप्त किया था, इसकी भी जानकारी दी. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक से 1000 के नोट बंद कर किस प्रकार छोटे-छोटे व्यवसायियों को सड़क पर लाया, इसकी भी जानकारी दी. पेट्रोल डीजल के दर मनमोहन सिंह के कार्यकाल में क्यों स्थिर थे, महंगाई की दर क्यों कम थी, इसका भी बखान किया. उन्होंने यह भी बताया कि, समता, बंधुता, न्याय, स्वतंत्रता इन मूल्यों को समाज में वृद्धिगत महात्मा गांधी ने किया था, जिसके कारण भारतीय संविधान की निर्मिती के दौरान डॉ . आंबेडकर इन मूल्यों को संविधान में शामिल कर पाए. केवल यही नहीं, हिंदू कोड बिल को लेकर किस प्रकार विरोध हुआ है, इसकी भी जानकारी देते हुए आखिरकार कांग्रेस ने महिलाओं को सुरक्षित रखने वाले हिंदू कोड बिल को मंजूरी प्रदान की, इन बातों पर प्रकाश डाला. वर्तमान सरकार मनुस्मृति को लाकर महिलाओं को पिता, पति और पुत्र तक सीमित रखना चाहती हैं, इस बात का भी उन्होंने अपने शब्दो में वर्णन कर कई उदाहरण पेश किया. विधायक यशोमति ठाकुर ने अंधश्रद्धा निर्मूलन को बढ़ावा देते हुए किसी के दबाव में ना आने का आह्वान किया. चार राज्यों के चुनाव परिणाम को लेकर निराश ना हों, सक्रियता से कार्य करें, ऐसा अनुरोध उन्होंने किया. इसके अलावा कार्यक्रम के अध्यक्ष अविनाश दुधे ने विचार व्यक्त कर पूर्व तथा वर्तमान स्थिति का वर्णन करते हुए जो गलत है, उसके खिलाफ जनता को आवाज उठाने की बात कही.