अग्निपथ योजना के विरोध में राजकमल चौक में किया प्रदर्शन
नवजागरण मनीषी, क्रांतिकारी स्मरण समिति व एआईएसएफ ने ली नुक्कड़ सभा
अमरावती/दि.21– अग्निपथ योजना के विरोध में पूरे देशभर में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इसी क्रम में आज नवजागरण मनीषी व क्रांतिकारी स्मरण समिति एवं एआईएसएफ की ओर से शहर के राजकमल चौक पर अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदर्शन किया गया एवं नुक्कड़ सभा ली गई. सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सरकार इस स्कीम को युवाओं के लिए एक क्रांतिकारी कदम बता रही है. इससे पहले जब नोट बंदी हुई, तब भी सरकार का ऐसा ही कहना था. नोटबंदी भी आज तक देश को समझ नहीं आई. इसके बाद जीएसटी लाई गई, वह व्यापारियों को समझ नहीं आई. पश्चात एनआरसी और सीऐ जैसे कानून लाए गए, वह भी किसी को समझ नहीं आए और हाल ही में तीन कृषि काले कानून लाए गए, वह किसानों को समझ में नहीं आये और अब कहा जा रहा है कि यह योजना युवाओं को समझ में नहीं आ रही है.
विगत 14 जून को रक्षा मंत्री द्वारा रोगजार के क्षेत्र में एक नई स्कीम अग्निपथ का ऐलान किया गया, जिसके तहत अब सेना में जवानों की भर्ती सिर्फ 4 साल के लिए होगी और उसके बाद उन्हें बाहर कर दिया जाएगा. ऐसे भर्ती किए गए जवानों को पेंशन तथा किसी अन्य तरह की सुविधाएं नहीं दी जाएगी. एक तरफ अग्निपथ स्कीम जैसी युवा विरोधी नीति लाई जा रही है, वहीं दूसरी तरफ प्रधान सेवक द्वारा अगले डेढ़ साल में 10 लाख नौकरी देने का ऐलान किया जा रहा है. सरकार द्वारा किया गया 10 लाख नौकरी का ऐलान भी हर साल 2 करोड़ नौकरी के वादें की तरह ही जुमला बनकर रह गया है.
देश में बेरोजगारी की समस्या व्याप्त है. युवा हताश और निराश है, ऐसे में अग्निपथ जैसी स्कीम युवाओं के मनोबल को तोड़ने का काम करेगी. 2 साल में कोरोना की आड़ में सरकारी विभागों में नौकरी नहीं दी जा रही थी. अब जब स्थिति सामान्य है तो युवाओं को उम्मीद थी कि भर्ती प्रक्रिया शुरु होगी. ऐसी स्थिति में इस तरह की स्कीम युवाओं के लिए ब्रजपात्र से कम नहीं है. सरकार को रोजगार की समस्या दूर करने ठोस कदम उठाना चाहिए. लेकिन ऐसा न करते सरकारी संस्थानों से स्थाई नौकरी को समाप्त कर रही है. जिसके चलते अग्निपथ स्कीम को वापस लेने व सरकारी संस्थाओं में स्थानीय नियुक्ति देने की मांग की गई.
कार्यक्रम में नवजागरण मनीषी व क्रांंतिकारी स्मरण समिति तथा ए.आई.एस.एफ. के पदाधिकारी सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे.