पदोन्नति और अनुकंपा नीति को लेकर ऑफ्रोह का प्रदर्शन

जिलाधिकारी के माध्यम से सरकार को ज्ञापन

अमरावती/दि.30-ऑर्गनायजेशन फॉर राईट्स ह्युमन ऑफ्रोह की ओर से विविध मांगों को लेकर 29 मई को जिलाधिकारी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया गया. इस दौरान पदोन्नति और अनुकंपा नीति को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से सरकार को ज्ञापन प्रेषित किया गया. संगठन के मुताबिक अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों का जाति प्रमाण पत्र धोखाधडी व झूठे कारण बताकर रद्द करने के बाद इन कर्मचारियों को 21 दिसंबर 2021 को अधिसंख्य पद पर वर्ग कर अन्याय किया था. इस अन्याय की दुरुस्ती करने के लिए सरकार ने 14 दिसंबर 2022 में नियमित कर्मचारियों की तर्ज पर सेवानिवृत्ति वेतन मंजूर किया तथा इसके बाद 4 अक्टूबर 2024 को नियमित वेतनवृद्धि मिलने के लिए 1 दिन का तकनीकी खंड क्षमापित किया गया. तथापि, 10,20, 30 साल बाद आश्वासित प्रगति योजना व नियमित पदोन्नति का लाभ और अनुकंपा नौकरी पर नीति का लाभ नामंजूरि किया गया. लाभ मिलने के लिए कई बार ज्ञापन दिया गया, लेकिन सरकार द्वारा ध्यान नहीं दिया गया. इसलिए संगठन ने 29 मई को अमरावती जिलाधिकारी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया. आंदोलन का नेतृत्व डॉ. दीपक केदार ने किया. इस समय मनिष पंचगाम, नीता सोमवंशी, यज्ञवंत वरूडकर, नीलिमा केदार, नरेंद्र ढोलवाडे, रतन नाथे, सुहास पंचभैये, अशोक पराते, सुषमा हिंगे, अलका सोरटे, राजेंद्र पाटणकर, हेमा पाटणकर, गुलाब हेडाउ, प्रमोद पाटनकर, सुभाष पाटणकर, वनिता लिखार, दिनेश कडू, प्रीति तिडके, कांता वरूडकर, कल्पना धोपे, दिलीप सोनकुसरे, पवन ठाकुर, ए.ए.पराते, सुधीर दाभाडे, रवींद्र कुंभारे, जी.व्ही.लोखंडे, अरविंद रायकवार, रवींद्र भुरुन्दे, कैलास निर्मल, एी.एस.घुन्टीवार, प्रशांत निनावे आदि उपस्थित थे.

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