कांग्रेस के प्रभाव क्षेत्र में वंचित बहुजन आघाडी का शक्तिप्रदर्शन
अमरावती में आंबेडकर को मिला जोरदार रिस्पॉन्स
* समाचार विश्लेषण
अमरावती/दि.27– कांग्रेस के प्रभावक्षेत्र होनेवाले अमरावती जिले की वंचित बहुजन आघाडी ने यहां सायंस्कोर मैदान पर लोकशाही गौरव महासभा के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन के कारण आगामी समय मेें राजनीतिक द्बंद के संकेत मिले हैं. वंचित बहुजन आघाडी के नेता प्रकाश उर्फ बालासाहब आंबेडकर ने भाजपा की अपेक्षा कांग्रेस पर टिप्पणी और अपने बल पर लडने की दर्शायी तैयारी. दलित निर्वाचन क्षेत्र के साथ मुलिस्म मतदाताओं को आकृष्ट करने का प्रयास जिससे वंचित ने कांग्रेस के सामने अडचने बढाई है. यहां सायंस्कोर मैदान पर हुई जंगी जाहीर सभा से प्रकाश आंबेडकर ने महाविकास आघाडी के नेताओं को चेतावनी दी.
* आघाडी में नहीं किया शामिल
वंचित को इंडिया अथवा महाविकास आघाडी में शामिल करने के संबंध में अभी तक ठोस निर्णय न लिए जाने से प्रकाश आंबेडकर की अस्वस्थता जाहीर सभा में व्यक्त हुई. वंचित बहुजन आघाडी कभी भी सत्ता में न थी. जिसके कारण ईडी, सीबीआई का हमें डर नहीं, वंचित बहुजन आघाडी की युति की तभी हम राजनीति में टिककर रह सकते हैं. अन्यथा कारागृह में जाने की नौबत आयेगी, ऐसी चेतावनी प्रकाश आंबेडकर ने महाविकास आघाडी के नेताओं को दी. उनका दबावतंत्र कहा तक सफल होता है. वंचित को महविकास आघाडी में स्थान मिलेगा क्या, इस प्रश्न का उत्तर आगामी समय में मिलेगा. परंतु वंचित ने अमरावती जिले से चुनाव करने ऐलान करने का दिखाई दिया. अमरावती की सभा में उमडे लोग साफा दर्शा रहे हैं कि आंबेडकर को यहां रिस्पॉन्स मिल रहा है.
* उम्मीदवार के कारण धोखा
विगत विधानसभा चुनाव में राज्य के 10 निर्वाचन क्षेत्र में वंचित बहुजन आघाडी के उम्मीदवारों को दूसरे नंबर का वोट मिला था. इसके अलावा राज्य के 21 निर्वाचन क्षेत्र में वंचित बहुजन आघाडी के उम्मीदवार की विजय और पराजित उम्मीदवार के वोटो में अधिक वोट मिलने का दिखाई दे रहा है. विगत लोकसभा के चुनाव में भी वंचित आघाडी के कारण राज्य के 7 से 8 निर्वाचन क्षेत्र में राष्ट्रवादी और कांग्रेस को झटका लगने का दिखाई दिया.
* चार स्थानों पर वंचित के प्रत्याशी होड में
अमरावती जिले में वंचित आघाडी ने 8 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र मेें से 6 जगह पर चुनाव लडे. 4 स्थानों पर वंचित के उम्मीदवार ये तीसरे स्थान पर थे. धामणगांव रेलवे निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस के उम्मीदवार का 9 हजार 519 वोटो से हार हई थी. फिर वंचित के तीसरे क्रमांक पर उम्मीदवार को 23 हजार 779 वोट प्राप्त हुए थे. वंचित के ये उपद्रव मूल्य कांग्रेस के लिए धोखादायक है. जिसके कारण कांग्रेस नेता वंचित आघाडी को दिल से स्वीकारने के लिए तैयार नहीं. कांग्रेस की जिले में रिपब्लिक पार्टी के गवई गुट के साथ परंपरागत युति रही. परंत इस समय गवई गुट की राजनीतिक लडाई में मर्यादा दिखाई दे रही है. विगत चुनाव में कांग्रेस ने गवई गट को सहयोग नहीं किया.
* बसपा की ताकत घटी
दूसरी ओर जिले में बसपा की शक्ति क्षीण हो गई है. यह पूरी करने का वंचित आघाडी का प्रयास है. जाहीर सभा में वंचित आघाडी के कुछ नेताओं ने प्रकाश आंबेडकर की उपस्थिति में रिपब्लिकन पार्टी के आठवले और कवाडे गुट की जोरदार आलोचना की. परंतु गवई गुट का उल्लेख टाल दिया. अमरावती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस और राष्ट्रवादी के समर्थन में अपक्ष नवनीत राणा जीतकर आयी थी. परंतु उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार को तत्काल समर्थन देकर अपनी दिशा स्पष्ट की थी. उनके विरोध में महाविकास आघाडी के उम्मीदवार कौन है यह अभी तक निर्धारित न होने पर वंचित बहुजन आघाडी ने शक्ति प्रदर्शन कर कांग्रेस पर दबाव बनाया है. अमरावती से वंचित आघाडी ने चुनाव लडने की तैयारी की है. आगामी समय में कौन सा संघर्ष खडा यह देखना होगा.