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ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्थिति भयानक
परतवाडा/प्रतिनिधि दि.20 – अचलपुर नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत आने वाले जुडवा शहर परतवाडा-अचलपुर में पिछले 20 दिनों से डेंग्यू रोग ने तांडव मचा रखा है. हर रोज शहर के किसी ना किसी हिस्से में डेंग्यू का पॉजिटिव मरीज पाया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी यहीं भयानक स्थिति बनी हुई है. वहीं निजी पैथोलॉजी लैब में रोजाना 2 अंकों की संख्या में पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट पायी जा रही है. डेंग्यू मरीजों के साथ-साथ वायरल फिवर भी बढ रहा है. जुडवा शहर के सभी अस्पताल मरीजों से भरे पडे है. जुडवा शहर अचलपुर-परतवाडा में पाये गये है. डेंग्यू पॉजिटिव मरीजों की संख्या 250 से अधिक है. उसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में यह संख्या 150 तक पहुंच चुकी है. निजी पैथोलॉजी लैब में जांच करवाये जाने पर रोजाना 10 डेंग्यू संशयीत मरीजों में संक्रमण पाया जा रहा है.
जुडवा शहर में दिनों दिन डेंग्यू के मरीज बढते जा रहे है. किंतु संबंधित प्रशासन का इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं है. शहरी इलाकों में नगर पालिका प्रशासन तथा ग्रामीण क्षेत्रों में डेंग्यू को लेकर की जाने वाली उपाय योजना व यंत्रणा अधूरी है. शहरी हो या फिर ग्रामीण क्षेत्र यहां नालियां कचरे से भरी पडी है. जगह-जगहों पर कचरे का ढेर लगा हुआ दिखाई दे रहा है. मच्छरों ने भी तांडव मचा रखा है.
किसी भी क्षेत्र में ना तो औषधियों का छिडकाव किया जा रहा है और ना ही साफ-सफाई की जा रही है. शहरी सहित ग्रामीण क्षेत्रों में डेंग्यू का तांडव शुरु है. जिसमें शासकीय यंत्रणा द्बारा प्रयोगशाला में भिजवाये गये. सैकडों रक्त के सैंपल की रिपोर्ट अभी भी प्रतिक्षा में है. निजी रिपोर्ट के आधार पर उपचार लेकर डेंग्यू के मरीज घर वापस लौट रहे है. फिर भी प्रयोगशाला को भिजवाये गये रक्त के सैंपल की रिपोर्ट अभी भी प्राप्त नहीं हुई है. जुडवा शहर व ग्रामीण क्षेत्र में डेंग्यू का प्रकोप जारी है.
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महिने भर से डेंग्यू पॉजिटिव की संख्या बढी
पिछले 1 महिने से डेंग्यू पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढी है. डेंग्यू को लेकर की गई 10 जांच में से 7 की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है. डेंग्यू के मरीजों में प्लेटलेट की संख्या कम हो जाती है. कुछ मरीजों की प्लेटलेट की संख्या नार्मल पायी गई.
– डॉ. ओमप्रकाश बोहरा, एमडी पैथोलॉजी
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मोर्शी शहर में मचाया डेंग्यू का कहर
मोर्शी शहर में डेंगू बीमारी ने कहर बरपाकर रखा हुआ है. शहर के अनेक वार्डों में घर-घर में डेंगू बुखार से पीड़ित मरीज पाए जा रहे है. जिससे परिसर में सनसनी मच गई है. शहर में सफाई का अभाव व मच्छरों की उत्पत्ति के चलते बीमारियों को न्यौता मिलने का रोष जताते हुए संतप्त नागरिकों ने बीते सप्ताह में मोर्शी नगर परिषद पर मोर्चा भी निकाला था. लेकिन नगर परिषद प्रशासन की ओर से आवश्यक उपाययोजना करने पर ध्यान नहीं दिया गया है.
यहां बता दें कि मोर्शी शहर में डेंगू के मरीज तेजी से सामने आ रहे है. लेकिन बीमारी पर नियंत्रण पाने हेतू उपाययोजना करने के लिए प्रशासन विफल दिखाई दे रहा है. बीते सप्ताह में शहर के त्रिमूर्तिनगर में 12 मरीज डेंगू की चपेट में आए थे. बावजूद इसके नगर परिषद प्रशासन की ओर से उपाययोजनाओं को लेकर प्रभावी अमंल नहीं किया जा रहा है. जिसके चलते शहर के प्रत्येक वार्ड के घर-घर में डेंगू बुखार पीड़ित मरीज पाए जा रहे है. वहीं बीमारियों के रोकथाम के लिए नगर परिषद की ओर से महीने में एक बारगी छिड़कांव किया जा रहा है. नगर परिषद मुख्याधिकारी व स्वास्थ्य विभाग ने इस गंभीर समस्या पर ध्यान देकर नालियों की साफ सफाई व छिड़कांव करने की मांग नागरिकों द्बारा की जा रही है.
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तिवसा में कहर बरपा रहा डेंग्यू
शहर में डेंग्यू का कहर बरपने लगा है. बीते दो दिनों में डेंग्यू की चपेट में आने से दो बच्चों की मौत हो गई. तिवसा के अजय विजय रेवतकर (8) की बुधवार को और ठिक दूसरे दिन गुरुवार को नप कर्मचारी सचिन देशमुख के 13 वर्षीय बेटे कृष्णा की मृत्यु हो गई. बीते डेढ माह में डेंग्यू की चपेट में आने से 6 लोगों की मौत हुई है. जिससे नागरिकों में भय का माहौल बना हुआ है.
बता दें कि चार दिन पहले अजय रेवतकर को डेंग्यू का संक्रमण होने से उसे तिवसा ग्रामीण अस्पताल में भर्ती किया गया था, लेकिन उसकी तबीयत में सुधार आने की बजाय और भी बिगड रही थी. जिसके बाद परिजनों ने उसे अमरावती जिला सामान्य अस्पताल में भर्ती किया, लेकिन यहां पर तबीयत में सुधार नहीं होने पर नागपुर के अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन बुधवार को उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. इसके अलावा गुरुवार को तिवसा नगर पंचायत कर्मचारी सचिन देशमुख के 13 साल के बेटे की भी डेंग्यू से मौत हो गई. दो दिन पहले वह तिवसा ग्रामीण अस्पताल में उपचार ले रहा था, लेकिन तबीयत बिगडने से उसे अमरावती के निजी अस्पताल में भर्ती किया गया. यहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई.
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प्लेटलेट्स की कमी
तिवसा में प्लेटलेट्स की कमी निर्माण हुई है. डेंग्यू के मरीजों के रिश्तेदार प्लेटलेट्स के लिए भटक रहे है. दोनों मरीजों की प्लेटलेट्स कम हो चुकी थी. प्लेटलेट्स की खामियों को दूर करने के लिए रक्तदाताओं ने आगे आना चाहिए. प्लेटलेट्स तैयार करने के लिए ब्लड बैंकों ने भी प्राथमिकता देनी चाहिए, यह जानकारी चिकित्सकों ने दी है.