अमरावती/दि.11 – शहर व जिले में डेंग्यू ने आतंक फैलाया है. ऐसे रहते समय डेंग्यू से मृत्यु होने वाले मरीजों की संख्या में वृध्दि होते समय टेस्ट करने वाली प्रयोगशाला मात्र उद्घाटन के बाद तत्काल बंद पडी. टेस्ट करने के लिए किट ही उपलब्ध न रहने से यह नौबत आयी है कि यह प्रयोगशाला कही सफेद हाथी न साबित हो जाए, इस तरह का प्रश्न उपस्थित हुआ है.
पिछले महिने 31 अगस्त को डॉ.पंजाबराव देशमुख स्मृति वैद्यकीय महाविद्यालय में डेंग्यू के जांच के लिए प्रयोग शाला शुरु की गई. पहले दिन 88 टेस्ट हुए और टेस्ट के लिए आवश्यक रहने वाली किट खत्म हुई. दूसरे दिन से फिर रक्त जल नमुने जांच के लिए अकोला के सेंटीनर सेंटर में भेजना शुरु हुआ. शहर व जिले में डेंग्यू का प्रकोप बढते जा रहा है. शासकीय व निजी अस्पताल में बाधित मरीजों की संख्या बढती ही जा रही है. अब तक 267 मरीज बाधित है और 11 मरीजों की मृत्यु होने की शासकीय रिपोर्ट है. डेंग्यू की रिपोर्ट हासिल करने के लिए पहले यवतमाल और बाद में अकोला में रक्तजल नमुने भेजे जाते है. उसकी रिपोर्ट मिलने में देेरी होती है तब तक कुछ मरीज इलाज कर दुरुस्त हुए होते. इन मरीजों को डेंग्यू हुआ या नहीं इसका निदान करने के लिए निजी प्रयोग शाला की टेस्ट रिपोर्ट डॉक्टर्स ग्राह्य मानने लगे है. शासकीय व निजी अस्पतालों में डेंग्यू के मरीजों की ही भीड है. अमरावती विभागीय शहर है. अकोला व यवतमाल में सुविधा है. किंतु वह अमरावती में नहीं है. प्रयोगशाला बंद पडने से रोष व्यक्त किया जा रहा है.
किट की मांग की गई
डॉ.पंजाबराव देशमुख वैद्यकीय महाविद्यालय की प्रयोगशाला सूचारु करने के लिए किट जरुरी है और पुणे से मांग की गई है. इस तरह की जानकारी जिला मलेरिया अधिकारी डॉ.शरद जोगी ने दी है. कल अथवा इसी सप्ताह में किट उपलब्ध होगी, ऐसा उन्होंने कहा है.