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मनपा में 400 से अधिक ठेकेदार कर्मचारी
अमरावती प्रतिनिधि/दि.12 – महानगरपालिका में 400 से अधिक ठेकेदार कर्मचारी कार्यरत है. अधिकांश कर्मचारियों को कम्प्यूटर ऑपरेटिंग, आवक-जावक विभाग के काम सहित अन्य छोटे बडे काम सौंपे जाते है. किंतु समय पर काम न किए जाने पर तथा उनका मनमानी कारभार के कारण ठेकेदार कर्मचारी सिरदर्द बन गये है. जिसके कारण विभाग प्रमुख परेशान हो गये है.
अनेक विभाग प्रमुख ठेेकेदार कर्मचारी उनके विभाग में रखने की इच्छा नहीं करते क्योंकि उनके काम में संवेदनशीलता का अभाव है. जिसके कारण कार्यालयीन कामकाज भी प्रभावित हो गया है. महानगरपालिका की आय सीमित होने के कारण नियमित कर्मचारियों की भर्ती पर प्रतिबंध लगा है. कारण कि सातवा वेतन आयोग लागू करने के बाद मनपा की तिजोरी पर और बोझ बढ गया है. मनुष्य की परेशानी दूर करने के लिए प्रत्येक विभाग में ठेकेदार कर्मचारियों की संख्या बढ गई है. अनेक विभाग के काम उन पर ही निर्भर है. अभियंता के डाटा ऑपरेटर के पद पर ठेकेदार कर्मचारी तैनात है. विगत एक वर्ष में अनेक ठेकेदार कर्मचारियों को काम की अनियमितता के कारण निलंबित किया गया है. उसी प्रकार कर्मचारियों ने बार बार नियमों का उल्लंघन करने के कारण मनपा की प्रतिमाही मलिन हो गई है.
विभाग में लापरवाही पूर्वक काम शुरू होने से हमारे पास इन्हें मत रखो ऐसी मांग अधिकारियोें की ओर से की जाती है. हाल ही में मनपा में 100 ऐसे कर्मचारी है जिनकी बदली की गई है. ऐसी मांग उनके विभाग प्रमुख ने की है. जिसके कारण इस समस्या का हल किस प्रकार किया जाए ऐसे प्रश्न के उत्तर कार्यालयीन अधिक्षक को मिले है. यदि ऐसा होने से कुछ दिन पूर्व मनपा आयुक्त ने ठेकेदार कर्मचारी संबंध में निश्चित नीति का निर्णय लिया जायेगा, ऐसा कहा था.
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मनपा में नौकरी करता हूॅ ऐसा बताया जाता है
अनेक ठेकेदार कर्मचारी कहते है कि हम मनपा में नौकरी करते है. किंतु हम ठेकेदार है यह वह नहीं बताते. कुछ दिन पूर्व ऐसे ही एक ठेकेदार कर्मचारी को नौकरी लगा देते है. ऐसा कहकर एक युवती पर अत्याचार करने का मामला उजागर हुआ था. उसके बाद महानगर पालिका की आमसभा में भी ठेेकेदार कर्मचारी भी नियुक्त करते समय ध्यान रखने का उनकी संपूर्ण जानकारी नियुक्त करनेवाली एजेंसी की ओर लेने का मत सदस्यों ने व्यक्त किया था.
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ठेकेदार कर्मचारियों से मनपा को मुक्त करेंगे : प्रशासन का निर्णय
महानगरपालिका आयुक्त प्रशांत रोडे ने ठेकेदार कर्मचारियों से मनपा को मुक्त करेंगे. ऐसा मत कुछ दिन पहले व्यक्त किया था. यही ठेकेदार कर्मचारी मनपा के विविध विभाग प्रमुख की सिरदर्द बन गये है. शासन नई भर्ती बंद करने के कारण महानगरपालिका कारभार ठेकेदार कर्मचारियों के बिना चलाना संभव नहीं. मनुष्य बल न हो तो इतना बोझ सहना संभव न होने का मनपा में व्यक्त हो रहा है.