अमरावती

निगमायुक्त की विभागीय जांच

विधायक रवि राणा ने की थी मांग

* मुख्य सचिव श्रीवास्तव का आदेश
अमरावती/ दि.17 – विधायक रवि राणा व प्रतिष्ठित नागरिकों के खिलाफ दफा 307 के तहत झूठा संगीन अपराध दर्ज कराने वाले निगमायुक्त डॉ.प्रवीण आष्टीकर की विभागीय जांच करने के आदेश राज्य के मुख्य सचिव मनुकुमार श्रीवास्तव ने दिये है. विधायक राणा ने स्वयं उनसे मुलाकात कर आष्टीकर पर पद का दुरुपयोग कर करने और भ्रष्टाचार मार्ग से जमाई प्रापर्टी की जांच, आष्टीकर व उनके रिश्तेदारों के नाम जमा प्रापर्टी की जानकारी श्रीवास्तव को दी थी.
विधायक राणा ने आरोप लगाया कि, राजनेताओं के दबाव में निगमायुक्त आष्टीकर ने विधायक रवि राणा समेत अजय मोरय्या, कमल मालाणी, विनोद येवतीकर, महेश मुलचंदानी, अजय बोबडे, सूरज मिश्रा, संदीप गुल्हाणे आदि के खिलाफ दफा 307, 353 के तहत झूठी शिकायत दर्ज की. इसमें प्रतिष्ठित निरपराध नागरिकों को पुलिस हिरासत में रखा गया. जिला व सत्र न्यायालय ने विधायक राणा, अजय मोरय्या की अग्रीम जमानत मंजूर की.जबकि मालाणी, विनोद येवतीकर की तबीयत खराब होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
राज्य के मुख्य सचिव मनुकुमार श्रीवास्तव से मिलकर उन्हें इस समस्या से अवगत कराया. राजनीतिक व्देषभावना के कारण मैंने फंसाया, ऐसा आरोप लगाया. आष्टीकर व उनके रिश्तेदार के नाम अवैध प्रापर्टी की सूची भी उन्हें सौंपी. इसे गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव ने निगमायुक्त डॉ.आष्टीकर की विभागीय जांच करने के आदेश दिये. मामले को सीधे मुख्य सचिव व्दारा गंभीरता से लेने के कारण निगमायुक्त पर निलंबन की कार्रवाई होने की संभावना जानकारों व्दारा व्यक्त की जा रही है.

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