कांगे्रस के 9 प्रत्याशियों की जमानत जब्त
85 प्रतिशत उम्मीदवारों की गई डिपॉझिट
* चुनाव आयोग को 3.5 करोड का फायदा
अमरावती/दि.26 – राज्य विधानसभा चुनाव के शनिवार को घोषित परिणामों का विश्लेषण लगातार शुरु है. जिसके अनुसार 85 प्रतिशत उम्मीदवारों द्वारा चुनाव लडने जमा कराई गई राशि आयोग के पास जमा हो गई. क्योंकि यह उम्मीदवार नियमानुसार आवश्यक कुल मतदान का छठवां हिस्स भीप्राप्त करने में असफल रहे. इन उम्मीदवारों में कांग्रेस के 9 प्रत्याशियों का समावेश है, जो अपनी डिपॉझिट नहीं बचा सके. भाजपा का रिकॉर्ड इस मामले में सर्वश्रेष्ठ रहा. उसके न केवल 132 प्रत्याशी चुनाव जीत गये, बल्कि एक भी प्रत्याशी डिपॉझिट नहीं गंवाया.
चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार मविआ के कांग्रेस के अलावा सेना उबाठा के 8, राकांपा शरद पवार के 5 प्रत्याशी जमानत राशि नहीं बचा सके. ऐसे ही महायुति में अजीत पवार, राकांपा के 5 और शिंदे सेना का एक उम्मीदवार की डिपॉझिट जब्त हो गई. वह अमरावती जिले के दर्यापुर के पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल है. मविआ में शामिल शेतकरी कामगार पक्ष के दो उम्मीदवारों की डिपॉझिट चली गई. एक खबर के अनुसार 21 जिलों में अब कांगे्रस का एक भी विधायक नहीं है.
उधर दक्षिण नागपुर सीट से देवेंद्र फडणवीस के विरुद्ध चुनाव लडने वाले निर्दलीय सचिन वाघाडे ने कहा कि, भले ही अमानत राशि चली जाये. चुनाव लडना हमारा संवैधानिक अधिकार है. हम चुनाव लडेंगे. बता दें कि, चुनाव आयोग के पास 3515 उम्मीदवारों की डिपॉझिट जमा हो गई, जो लगभग 3.5 करोड रुपए है. आयोग ने आंकडे जारी किये हैं. जिसके मुताबिक पिछले 2019 के चुनाव में 2606 उम्मीदवारों की अमानत राशि नहीं बची थी. जिससे 2.6 करोड आयोग के पास जमा हो गये. वहीं 2014 में 3422 प्रत्याशी जमानत लायक वोट नहीं जुटा पाये. फलस्वरुप आयोग को 3.4 करोड का बैठे-बिठाये फायदा हो गया.