अमरावती/दि.25– महानगरपालिका के विविध विभागों के वाहनों के करीबन 70 वाहन चालकों को विगत चार महीने से वेतन नहीं दिया गया. इस ठेके की अवधि संपुष्ट में आने से अवधि बढ़ाकर दिये जाने के साथ ही वेतन अदा करने की प्रक्रिया में विलंब होने से संपूर्ण दोष मनपा का होने का ठिकरा ठेकेदारों व्दारा फोड़ने के साथ ही स्वयं की जिम्मेदारी झटकने का प्रयास किये जाने की चर्चा है.
मनपा में 70 वाहन चालक एवं 129 सुरक्षारक्षक हैं. ये सभी ठेका तत्व पर होकर वाहन चालकों का ठेका एक निजी संस्था की ओर है एवं सुरक्षारक्षकों का ठेका सुरक्षा मंडल की तरफ है. वाहन चालकों का ठेका 2020 में पूर्ण होेने से निविदा प्रक्रिया की गई थी. लेकिन इस पर आक्षेप आने से वह रुक गया था. पश्चात ठेकेदार को दो बार अवधि बढ़ाकर दी गई है. दूसरी बार अवधि बढ़ाये जाते समय तत्कालीन कार्यशाला अधीक्षक की ओर से नई निविदा प्रक्रिया होने तक अवधि बढ़ाकर देने का प्रस्ताव भेजा गया, जिसे मंजूरी दी गई.
वाहन चालकों को मनपा द्वारा हर माह करीबन 12 हजार रुपए वेतन ठेकेदार को दिया जाता है. ठेकेदार द्वारा इसमें से सात से आठ हजार रुपए वेतन चालकों को देने की जानकारी चालकों ने दी. बावजूद इसके दो से तीन महीने वेतन नहीं मिलने की भी जानकारी उन्होंने दी.
सद्यस्थिति में वाहन चालकों को ठेकेदार की तरफ से नवंबर 2021 से वेतन नहीं दिया गया. करारनामा के अनुसार ठेकेदार ने दो महीने वेतन स्वयं के खाते से देना आवश्यक है. लेकिन मनपा द्वारा ठेकेदार को देयक दिये बगैर चालकों को समय पर वेतन नहीं मिलता.
वाहन चालकों के वेतन देयक व प्रस्ताव में कुछ गलतियां पाये जाने से उन्हें दुरुस्त करने समय लगा. जिसके चलते ठेकेदार का देयक देने में विलंब होने की जानकारी कार्यशाला अधिकारी लक्ष्मण पावडे ने दी. लेकिन दो महीने का वेतन देने की जिम्मेदारी ठेकेदार की होने की भी बात उन्होंने स्पष्ट की. वहीं प्रशासन की ओर से देयक समय पर न मिलने से वेतन देने में विलंब होने की बात संस्था के ठेकेदारों द्वारा कही जा रही है.