अमरावती

मजदूर के हाथों में फटा देसी बम

भातकुली तहसील के पेढी नदी की घटना

भातकुली/दि.5 – मत्य व्यवसाय करने वाले इन दिनों मछलियो को पकडने के लिए नई-नई तरकीबों का इस्तेमाल कर रहे है. जिसमें मछुआरों सहित बेगुनाह लोग चपेट में आ रहे है. कम समय में ज्यादा मछलियां पकडने के लिए मछुआरे देसी बम का इस्तेमाल कर रहे है. ऐसी ही एक घटना सोमावार की शाम भातकुली तहसील अंतर्गत आने वाली पेढी नदी के किनारे घटी. जहां देसी बम के स्पर्श से मजदूर के हाथ, पैर व सीने के चिथडे उड गए. घायल मजदूर को जिला सामान्य अस्पताल उपचार के लिए लाया गया. मजदूर की हालत अभी भी गंभीर बतायी जा रही है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार भातकुली तहसील के गोपालवाण निवासी राजेश नामदेव सोलंके (34) यह मजदूरी का कार्य करता है. सोमवार की शाम जब वह गांव से कुछ ही दूरी पर स्थित पेढी नदी के किनारे पहुंचा जहां पहले से ही किसी मछुआरे ने मछली पकडे हेतु देसी बम रखा था. राजेश को जैसे ही शक हुआ उसने किनारे पर रखे सामान को उठाना चाहा जैसे ही उसका स्पर्श हुआ आचानक जोरदार धमाका हुआ जिसमें उसके कान सुन्न पड गए और आंखो के सामने अंधेरा छा गया जिसके बाद वह बहोश हो गया और वही पडा रहा.
रात 9 बजे तक जब वह घर नहीं पहुंचा उसकी पत्नी को चिंता होने लगी, और उसकी पत्नी ने उसकी तलाश शुरु की. उसके पूर्व नदी के पास से गुजर रही कुछ महिलाओं की नजर बहोश राजेश पर पडी. महिलाओं ने राजेश के करीब जाकर देखा तो वह खून से लतपथ बहोशी की अवस्था में पडा हुआ था. महिलाओं ने उसे उठाकर गांव के पास ले आयी. तब तक इस घटना की खबर गांव में आग की तरह फैल चुकी थी. तुरंत उसे घायल अवस्था में गांव के अस्पताल ले जाया गया किंतु हालत गंभीर होने की वजह से उसे जिला सामान्य अस्पताल ले जाया गया. जहां उसकी हालत अभी भी गंभीर बतायी जा रही है.

जिले में दो माह में बम फटने की तीसरी घटना

बता दे कि एक माह पूर्व सूअर का शिकार करने के लिए देसी बम का जखिरा साथ लेकर दो युवक दुपहिया पर सवार होकर जा रहे थे. आसेगांव पूर्णा से कुछ ही दूरी पर उसे दवी बम को साइलेंसर का स्पर्श होने से जमकर धमाका हुआ था. उस घटना में एक युवक की जगह पर ही मौत हो गई थी. जबकि दूसरा युवक गंभीर रुप से जखमी हुआ. उसी घटना के के एक हफ्ते पश्चात धारणी तहसील से 10 किमी दूर सिपना नदी में मछली पकडने गए मछुआरे के हाथ में देसी बम फटा था. उस दौरान भी मछुआरे को हाथ और सीने के चिथडे उड चुके थे, वहीं दो माह के भीतर देसी बम फटने की यह तीसरी घटना उजागर हुई है.

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