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सडक हादसों में एक हजार मौते होने के बावजूद प्रशासन नचा रहा ‘कागजी घोडे’

139 दुर्घटना प्रवण स्थल को लेकर आरटीओ ने सौंपी पीडब्ल्यूडी को 150 पन्नों की रिपोर्ट

* सडकों को सुरक्षित व हादसा रहीत बनाने हेतु पीडब्ल्यूडी का कामकाज ढीला
अमरावती/दि.4- इन दिनों जिले में आए दिन किसी न किसी स्थान पर सडक हादसे घटित होते रहते हैैं और ऐसे हादसों में कई लोगों की मौते भी होती है. इस बात के मद्देनजर सडकों को सुरक्षित और हादसा रहीत बनाए जाने की सख्त जरुरत है. पंरतु सडक हादसों में एक हजार से अधिक लोगों की जाने चली जाने के बावजूद भी जिले में रहनेवाले खुले में स्थित 139 दुर्घटना प्रवण स्थानों पर आवश्यक सावधानी बरतने और जरुरी प्रबंध करने की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा.
बता दें कि जिले में 139 दुर्घटना प्रवंट स्थलों पर आवश्यक उपाय करने किए जाने हेतु आरटीओ ने करीब दो माह पहले सार्वजिनक लोकनिर्माण विभाग को 150 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट भिजवाई है. जिसमें किन-किन स्थानों पर तकनीकी दोष है, सूचना फलकों का अभाव है और गतिरोधकों की जरुरत है, इसे लेकर जानकारी दर्ज है. लेकिन सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग व्दारा अब तक किसी भी दुर्घटना प्रवण स्थल पर काम शुरु नहीं किया गया है.
ज्ञात रहे कि इन दिनों सडकों पर वाहनों की भीडभाड बढ गई हैं और सडक पर वाहन लेकर उतरने वाला प्रत्येक व्यक्ति हडबडी व जल्दबाजी में ही होता है. जिसकी वजह से सडकों पर होनेवाले सडक हादसों की संख्या भी बढ गई है. विगत ढाई वर्ष के दौरान जिले में विविध स्थानों पर हुए सडक हादसों में 1 हजार 61 लोगों की सडक हादसों में जाने गई है. लेकिन इसके बावजूद सडक हादसों की संख्या को घटाने और सडकों को सुरक्षित करने को लेकर प्रशासनस्तर पर कोई काम नहीं किया गया. उल्लेखनीय है कि सडक हादसों से बचने हेतु सबसे पहले तो वाहन चालकों व्दारा यातायात के नियमों का पालन किया जाना बेहत जरुरी है. लेकिन कई बार दुर्घटना प्रवण स्थल पर तकनीकी दोष रहने अथवा जरुरी सूचना फलक, दिशादर्शक व गतिरोधक नहीं रहने की वजह से भी सडक हादसे घटित होने की बात सामने आती है. इस बात को ध्यान रखते हुए आरटीओ व पुलिस अधिकारियों ने संयुक्त रुप से निरीक्षण दौरे करते हुए जिले में 139 दुर्घटना प्रवण स्थल निश्चित किए हैं. जहां पर पाई गई त्रुटियों को दुरुस्त करने हेतु सार्वजनिक निर्माण विभाग को आवश्यक उपाययोजना करने हेतु पत्र एवं विस्तृत रिपोर्ट सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग को भेजे गए. परंतु 30 मई 2023 को आरटीओ व्दारा भेजे गए इस पत्र के बावजूद भी पीडब्ल्यूडी व्दारा अब तक इन उपायायोजनाओं पर काम नहीं शुरु किया गया है. जबकि सबसे खास बात यह है कि दुर्घटना प्रवण स्थलों पर रहने वाली त्रुटियों को दूर करने के लिए अब राज्य सरकार ने जिला विकास निधि से एक फीसद रकम खर्च करने की अनुमति भी दे दी है. ऐसे में यदि दो विभागों व्दारा आपसी समन्वय से काम किया जाता है तो काम तत्काल पूरा होगा. सडक हादसों की संख्या कम होने में सहायता मिल सकती है.

* जिले में कुछ प्रमुख दुर्घटना प्रवण स्थल
शेगांव-रहाटगांव मार्ग, कठोरा मार्ग, खारतलेगांव-वलगांव मार्ग, एसआरपीएफ गेट, चांदूर रेलवे मार्ग, रोशनखेडा बसस्टॉप, परतवाडा-चिखलदरा मार्ग पर मगभंग, आनंदी, मडकी गांव सहित नंदगणपति संग्रहालय, घटांग-बिहाली के बीच रहनेवाले पिकनीक पाईंट सहित जिले में 139 दुर्घटना प्रवण स्थल है. ऐसे कई स्थानों पर खतरनाक अंधे मोड है जिन्हें कम करने अथवा अन्य कई उपायायोजना करते हुए संबंधित रास्तों को यातायात के लिए सुयोग्य व सुरक्षित बनाने तथा वहां पर सूचनाफलक व गतिरोधक जैसे उपाय करने की सख्त जरुरत है.

* जिले में ढाई वर्ष दौरान 1067 लोगों की गई जान
परतवाडा से चिखलदरा मार्ग पर ऐसे कई घुमावदार व अंधे मोड है और वहां पर कोई सूचना फलक भी नहीं है.

* तसहील निहाय दुर्घटनास्थल
अमरावती            23
वरुड                  28
तिवसा                 5
अचुलपुर             11
चांदूर बाजार       3
मोर्शी                  14
दर्यापुर                10
धामणगांव रेलवे     7
नांदगांव खंडेश्वर     3
चिखलदरा           16
भातकुली             3
चांदूर रेलवे         4
धारणी                 6
अंजनगांव सुर्जी      7

* ढाई वर्ष के दौरान हादसों व मौतों की संख्या
वर्ष                    हादसे     मौतें
2021                  938      374
2022                  1109     411
2023 (जन. से जून) 605     232
कुल हादसे 2653
कुल मौतें 1061

* सुधार करने पर घट सकता है हादसों का प्रमाण
प्रादेशिक परिवहन विभाग सहित पुलिस विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त रुप से दौरा व निरीक्षण करते हुए 139 दुर्घटना प्रवण स्थल निश्चित किए है और ऐसे स्थानों पर हादसों को टालने हेतु किए जाने वाले उपायों के संदर्भ में विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई है. हमने इस रिपोर्ट को दो माह पहले ही सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग के पास भेज दिया है. विशेष उल्लेखनीय है कि इस वर्ष से रास्ता सुरक्षा के कामों हेतु जिला विकास निधि से एक फीसद रकम खर्च करने को अनुमति मिली है. ऐसे में यदि इन सभी स्थानों पर आवश्यक सुधार किया जाता है तो निश्चित तौर पर सडक हादसों का प्रमाण घट सकता है.
– राजाभाउ गिते,
प्रदेशिक परिवहन अधिकारी

* रोड सेफ्टी आडिटर नियुक्त करने के निर्देश
दुर्घटना प्रवण स्थलों का विषय रास्ता सुरक्षा समिति के सामने रखा गया है. जिसके अध्यक्ष रहनेवाले जिलाधीश ने हमें रोड सेफ्टी आडिटर नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं. रोड सेफ्टी आडिटर व्दारा इन सभी स्थानों का मुआयना किया जाएगा. जिसके बाद आडिटर की रिपोर्ट को रास्ता सुरक्षा समिति के सामने रखा जाएगा और समिति व्दारा लिए गए निर्णय ेके आधार पर आवश्यक कार्य किए जाएंगे.
– रुपाली गिरासे,
अधीक्षक अभियंता, सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग

 

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