अमरावती

बिल भरने के बावजूद बत्ती गुल, गर्मी व उमस से लोग हैरान

बारिश नदारद रहने से पारा उछला, बिजली की मांग बढी

अमरावती /दि.7- जिले में बारिश नहीं रहने के चलते कृषि पंपों के साथ-साथ घरेलू उपभोक्ता की ओर से बिजली की मांग बडे पैमाने पर बढ गई है. परंतु मांग की तुलना में विद्युत आपूर्ति कम रहने के चलते ग्रामीण सहित शहरी क्षेत्र में भार नियमन यानि लोडशेडिंग बढ गई है. जिसके चलते समय पर विद्युत बिल अदा करने के बावजूद लोगों को बत्ती गुल वाली स्थिति का सामना करना पड रहा है. जिसकी वजह से महावितरण को लेकर किसानों सहित सर्वसामान्य लोगों में रोष व संताप की अच्छी खासी लहर देखी जा रही है.
बता दें कि, अमरावती शहर सहित जिले में विगत 25 दिनों से बारिश नदारद है. ऐसे में जहां शहरी क्षेत्र में गर्मी व उमस से निजात पाने हेतु एसी व कूलर का उपयोग एक बार फिर बढ गया है. वहीं दूसरी ओर किसानों द्बारा बिजली पर चलने वाले कृषि पंपों का फसलों की सिंचाई हेतु जमकर उपयोग किया जा रहा है. ऐसे में बिजली की मांग में अच्छा खासा इजाफा हो गया है और बिजली की मांग व आपूर्ति में अच्छा खासा फर्क आ गया है. जिसे देखते हुए जिन क्षेत्रों में 60 फीसद से अधिक विद्युत हानि है. ऐसे इलाकों में महावितरण द्बारा लोडशेडिंग करते हुए कुछ समय के लिए विद्युत आपूर्ति को खंडित किया जाता है.
शहरी क्षेत्र की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र में लोडशेडिंग अधिक रहने के चलते कई किसानों के पास कृषि पंप की सुविधा रहने के बावजूद वे अपने खेतों में फसलों की सिंचाई नहीं कर पाते. जिसे लेकर आए दिन विभिन्न ग्रामीण इलाकों के लोगों द्बारा महावितरण के अधिकारियों को ज्ञापन व निवेदन सौंपे जाते है. लेकिन इसके बावजूद भी शहर सहित जिले के कई इलाकों में अघोषित तौर पर लोडशेडिंग चल रही है.
* शहर में बिजली की मांग कितनी?
मनपा क्षेत्र में कुल 95 फिडर है. बारिश वाले दिनों के दौरान अमरावती शहर में 60 मेगावैट बिजली की मांग होती है. जो गर्मी वाले दिनों में बढकर 90 मेगावैट हो जाती है.
* शहर में एक व ग्रामीण में 4 घंटे पॉवर कट
शहर में कुछ दिन पहले जिन इलाकों में विद्युत हानि अधिक है. वहां पर रोजाना 1 से 2 घंटे बिजली आपूर्ति खंडित की जाती थी. वहीं ग्रामीण क्षेत्र में भी रोजाना 4 से 5 घंटे बिजली आपूर्ति खंडित किए जाने की जानकारी है. इस अघोषित लोडशेडिंग की वजह से विद्युत उपभोक्ताओं में महावितरण को लेकर अच्छा खासा रोष व्याप्त है.
* जहां विद्युत हानि अधिक, वहां पॉवर कट ज्यादा
जिन क्षेत्रों में विद्युत लिकेज व विद्युत हानि 60 फीसद से अधिक है. उन क्षेत्रों में सबसे पहले और सबसे अधिक लोडशेडिंग की जाती है.
* विद्युत आपूर्ति कम
जिले में बिजली की मांग लगातार बढ रही है, परंतु मांग की तुलना में बिजली की आपूर्ति काफी हद तक कम है. बारिश नहीं रहने के चलते फिलहाल फसलों को पानी देने हेतु कृषि पंपों के लिए बिजली की मांग किसानों द्बारा अधिक पैमाने पर की जा रही है. साथ ही घरेलू बिजली का प्रयोग भी काफी अधिक बढ गया है. परंतु मांग की तुलना में बिजली की आपूर्ति का प्रमाण काफी कम है. जिसकी वजह से बार-बार विद्युत आपूर्ति खंडित होने की समस्या बनी हुई है.

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