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प्रतिबंध के बावजूद शहर मेें धडल्ले से बज रहे डीजे

आवाज व समय की मर्यादा पर भी किसी का कोई ध्यान नहीं

* कानफाडू शोर से लोगों को हो रही भारी दिक्कतें व समस्या
अमरावती/दि.3 – इस समय शादी-ब्याह का सीजन शुरु हो चुका है और बडे गाजे-बाजे के साथ सडकों पर दुल्हों की बारातें भी दिखाई देने लगी है. साथ ही सभी मंगल कार्यालयों, फंक्शन हॉल व ओपन लॉन भी गुलजार दिखाई दे रहे है. जाहीर है कि, खुशी के ऐसे मौकों पर जमकर गाना बजाना व नाचना भी होता है. जिससे अन्यों को कोई तकलीफ न हो, इस बात के मद्देनजर स्थानीय प्रशासन सहित पुलिस द्वारा कोई दिशा निर्देश जारी किये गये है. जिनमें प्रमुख तौर पर कानफाडू शोर पैदा करने वाले डीजे का प्रयोग करना प्रतिबंधित किया गया है. साथ ही साथ आवाज की अधिकतम मर्यादा तय करने के साथ ही लाउड स्पीकर के प्रयोग की समयावधि भी तय की गई है. लेकिन हैरत की बात यह है कि, शहर में अभी डीजे का प्रयोग धडल्ले के साथ हो रहा है. साथ ही रास्ते से गुजरने वाली बारातों में बजने वाले डीजे सहित मैरेज हॉल व ओपन लॉन में बजने वाले डीजे के लिए आवाज की अधिकतम मर्यादा का कोई भान नहीं रखा जा रहा. साथ ही साथ समय की मर्यादा का तो बिल्कुल भी पालन नहीं हो रहा. जिसकी वजह से शहर के कई मैरेज हॉल व लॉन में रात 10 बजे के बाद भी 11-12 बजे तक डीजे का शोर सुनाई देता रहता है.
बता दें कि, डीजे के कानफाडू शोर की वजह से कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें पैदा होती है. जिनमें प्रमुख तौर पर कई लोगों को हृदयाघात का खतरा हो सकता है. ऐसी कई घटनाएं इससे पहले भी सामने आ चुकी है. जिसके चलते अदालती आदेश पश्चात डीजे के प्रयोग को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है. इसके साथ ही किसी भी व्यक्तिगत या सार्वजनिक समारोह में लाउड स्पीकर का प्रयोग करने हेतु कई तरह के दिशा-निर्देश भी जारी किये गये है. जिनमें मुख्य तौर पर ध्वनि की अधिकतम मर्यादा के साथ ही लाउड स्पीकर का प्रयोग सुबह 6 बजे से पहले और रात 10 बजे के बाद नहीं करने से संबंधित निर्देश सबसे प्रमुख है. परंतु इन दिनों शहर की सडकों से गुजरने वाली बारातों के साथ ही कई मैरेज हॉल व ओपन लॉन में आयोजित होने वाले वैवाहिक समारोह में धडल्ले के साथ डीजे का प्रयोग होता दिखाई देता है. साथ ही साथ डीजे संचालकों द्वारा ध्वनि की अधिकतम मर्यादा का भी ध्यान नहीं रखा जाता. जिसके चलते सडकों पर बारात के पास से होकर गुजरने वाले लोगों सहित मैरेज हॉल या ओपन लॉन के आसपास स्थित घरों में रहने वाले लोगों को नाहक ही कानफाडू शोरगुल का सामना करना पडता है. सबसे खास बात यह है कि, रात 10 बजे तक ही लाउड स्पीकर के प्रयोग को अनुमति रहने के बावजूद कई मैरेज हॉल व ओपन लॉन में रात 11-11.30 बजे तक डीजे बजते सुनाई देते है. ऐसे में सबसे बडा सवाल यह है कि, आखिर डीजे के इस अनियंत्रित व नियमबाह्य प्रयोग की ओर स्थानीय प्रशासन व पुलिस महकमें द्वारा कोई ध्यान कैसे नहीं दिया जा रहा.
विशेष उल्लेखनीय है कि, सामान्य स्थिति में भी डीजे की आवाज काफी दूर तक सुनाई देती है और रात के समय तो यह आवाज लगभग सन्नाटे को चिरती हुई महसूस होती है. लेकिन इसके बावजूद रात 11 बजे तक बजने वाले डीजे की आवाज नाइट पेट्रोलिंग पर रहने वाले पुलिस कर्मियों को सुनाई नहीं देती. यह सबसे बडा आश्चर्य का विषय है. हालांकि एक सच्चाई यह भी है कि, यदि ऐसे समय किसी व्यक्ति द्वारा पुलिस की डायल 112 हेल्पलाइन पर संपर्क करते हुए ज्यादा तेज आवाज में बज रहे या निर्धारित समय के बाद बज रहे डीजे या लाउड स्पीकर के बारे में शिकायत दर्ज कराई जाती है, तो डायल 112 का पथक तुरंत ही संबंधित स्थान पर पहुंचकर उक्त शोरगुल को बंद करवा देता है. लेकिन इसके बावजूद यह सवाल अपने स्थान पर यथावत है कि, प्रतिबंधित रहने के बावजूद भी अमरावती शहर में खुलेआम धडल्ले के साथ डीजे का प्रयोग कैसे हो रहा है.

 

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