* नये स्ट्रेन के संक्रमण का खतरा गहरा रहा
अमरावती/दि.30- इस समय दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस का ओमीक्रॉन नामक नया स्ट्रेन कहर ढा रहा है. जिसके मद्देनजर राज्य सरकार द्बारा नई गाईड लाईन जारी की गई. किंतु प्रशासन सहित आम नागरिकों में इस खतरे को लेकर किसी भी तरह की कोई सतर्कता नहीं दिखाई दे रही. बल्कि हर ओर जबर्दस्त लापरवाही का आलम है. जिसके चलते कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का हर तरफ जमकर उल्लंघन हो रहा है. ऐसे में एक बार फिर कोविड वायरस के संक्रमण के फैलने का खतरा बना हुआ है. हालांकि लोगों में कोविड वायरस को नये स्ट्रेन को लेकर काफी हद तक डर का माहौल दिखाई दे रहा है. जिसके परिणाम स्वरुप विगत एक दो दिन से कोविड टीकाकरण का प्रमाण काफी हद तक बढ गया है.
बता दें कि, कोरोना वायरस के डेल्टा तथा डेल्टा प्लस वैरियंट की वजह से आई संक्रमण की दूसरी लहर के चलते करीब 6 माह तक आम जनजीवन पूरी तरह से अस्थ व्यस्थ रहा और अब कहीं जाकर हालात धीरे धीरे सामान्य हो रहे है. किंतु अब कोविड वायरस का ओमीक्रॉन नामक नया वैरियंट सामने आया है. ऐसे में एक बार फिर सभी को सावधान व सतर्क रहने की जरुरत है. क्योंकि पिछले वैरियंट की तुलना में यह वैरियंट काफी अधिक घातक व संक्रामक है. किंतु शहर सहित जिले में अब कहीं पर भी कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का पालन नहीं हो रहा. ऐसे में यही कोविड संक्रमण की तीसरी लहर आती है तो उसे कैसे रोका जाये. यह फिलहाल सबसे बड सवाल है.
बता दें कि, जिले में कोविड का संक्रमण कुछ हद तक कम हुआ है. किंतु संक्रमण का खतरा पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ. ऐसे में कोविड वायरस के संक्रमण की चैन को खंडीत करने हेतु प्रभावी उपाय रहने वाले टीकाकरण के प्रतिशत को बढाने के लिए प्रशासन द्बारा हर घर दस्तक अभियान चलाया जा रहा है. ताकि शत प्रतिशत टीकाकरण किया जा सके. इस अभियान की अंतिम तिथि 30 नवंबर है. जिले की 30 लाख जनसंख्या को ग्राह्य मानते हुए बीते रविवार तक 23 लाख 33 हजार 767 नागरिकों का टीकाकरण किया गया. जो कुल जनसंख्या की तुलना में 78 फीसद है. इसमें से 16 लाख 5 हजार 248 नागरिकों ने पहला तथा 7 लाख 28 हजार 519 नागरिकों ने दुसरा डोज लगवाया है. दोनों डोज लगवा चुके नागरिकों का प्रमाण केवल 25 फीसदी है. ऐसे में टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा करने के लिए अब भी काफी काम करना बाकी है.
* पूरे जिले में नियमों की अनदेखी
कोविड संक्रमण की रफ्तार कम होने के बाद प्रतिबंधों को शिथिल किया गया. जिसके चलते अब सभी प्रतिबंधात्मक नियमों की भी अनदेखी की जा रही है. अधिकांश लोगों के चेहरे पर मास्क नहीं होता और लोगबाग सोशल व फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं करते. साथ ही अब सैनिटाइजर का प्रयोग करना भी लगभग बंद हो गया है. बल्कि इन दिनों हर ओर जबर्दस्त भीड भाड दिखाई दे रही है. पहले की तरह धुमधाम से विवाह समारोह आयोजित होने लगे है और दुकानों में पांव रखने की भी जगह नहीं है. कुल मिलाकर लोगबाग अब कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों को लेकर पूरी तरह से उदासिन हो गये है और अब इन नियमों की बडे पैमाने पर अनदेखी हो रही है.
* मास्क की बजाय रुमाल लगाने पर लगेगा दंड
सरकार की नई गाईडलाईन के अनुसार चेहरे पर मास्क की बजाय रुमाल बांधने पर उसे मास्क नहीं समझा जाएगा और संबंधित व्यक्ति के खिलाफ दंड लगाया जाएगा. इसके अलावा हर किसी को 6 फीट की फिजिकल डिस्टंस, साबून व सैनिटाइजर का प्रयोग करना अनिवार्य किया गया. वहीं सार्वजनिक स्थानों पर थुकने व भीडभाड नहीं करने को लेकर भी निर्देश जारी किये गये है.
* जांच पथक लापता
कोविड नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों को जिला व मनपा प्रशासन के जांच पथकों द्बारा दंडित किया जाता है. जिसके तहत कोविड नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति पर 500 रुपए तथा अस्थापना धारकों पर 10 से 50 हजार रुपए का दंड लगाया जाता है. किंतु अब ऐसे पथक भी अस्तित्व में नहीं है. ऐसे में सबसे बडा सवाल यह है कि, कोविड नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई कौन करेगा.