वैराग्य से होता है आसक्ति का नाश
बडनेरा के शंकर देवस्थान में आयोजित श्री रामकथा में प.पू. आनंद महाराज का कथन
अमरावती/दि.22– मारुति व शंकर देवस्थान, बडनेरा में आयोजित श्रीराम चरित मानस कथा के अष्टम दिवस के प्रसंग में भगवान राम जब पंचवटी में थे, तो उस समय सूर्पनखा ने आकर उनसे विवाह का प्रस्ताव रखा, उनके मना करने पर वह लक्ष्मण के पास विवाह का प्रस्ताव लेकर गई, लेकिन उन्होंने भी स्वीकार नहीं किया. लक्ष्मण ने सूर्पनखा के नाक, कान काटकर उसे भगा दिया. रामायण का यह प्रसंग कहता है कि, आसक्ति का आक्रमण होने पर लक्ष्मण जैसा वैराग्यवान ही उसका नाश कर सकता है. यह हितोपदेशी प. पू. आनंदजी महाराज (मानसप्रेमी) ने प्रस्तुत किया.
प.पू. आनंदजी महाराज ने कथा के अष्टम दिवस के प्रसंग में भगवान राम की चित्रकूट लीला, जयंत प्रसंग, शरभंग व सुतीक्ष्ण प्रसंग के साथ आगे सूर्पनखा के नाक, कान काटने का प्रसंग, खर-दूषण वध के बाद सीता जी का हरण, जटायू जी की मृत्यु व शबरी मिलन की कथा सुनाई. वह प्रसंग सुनकर श्रोतागण भावविभोर हो गए. पश्चात आरती व प्रसाद वितरण हुआ.
अधिक मास व सावन मास निमित्त बडनेरा के मारुति व शंकर देवस्थान मंदिर में इस भव्य-दिव्य श्रीराम कथा का आयोजन चल रहा है. मंगलवार, 22 अगस्त को कथा का समय सुबह 9 बजे से 12 बजे तक रखा गया है. हवन व महाआरती के बाद महाप्रसाद का आयोजन किया गया है. कथा के दौरान मदन यादव, जगदीश जोशी, मुन्नासेठ अग्रवाल, फकीरचंद अग्रवाल, सुभाष अग्रवाल, मुन्ना मथुरा, राधेश्याम अग्रवाल, बाबूलाल सेठ, रमाकांत कुर्तकोटी, हसमुखभाई पटेल, रवींद्र कयकडे, भीमराव चौहान, मोतीलाल साहू, सुखदेव ईश मथानकर, अथर्व जाधव, मोहनसेठ दुलानी, जगदीश राजौरी, देवीदास गोविंद, कुंदन यादव, अनंत आलोक, राजेंद्र जाधव, ओमप्रकाश शर्मा, सुनील चौहान, बाबाराव झांझड, रामजी पांडे, महाराज धनज, अनिल जोशी, संजय जोशी, विशाल पाटने सहित सैकडों महिलाएं व भक्तगण उपस्थित थे.