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अधिक मास में सर्वाधिक पुण्यदायी है देउरवाड़ा के दर्शन

विष्णु अवतार नरसिंह के साथ माता लक्ष्मी की है स्वयंभू मूर्तियां

* भगवान के साथ भक्त प्रहलाद भी हैं स्वयं विराजमान
अचलपुर/दि.12 – महाराष्ट्र में अधिक मास के पवित्र महीने में कई श्रद्धालु धार्मिक स्थलों की यात्रा करते हैं. ऐसा ही एक पवित्र धर्मस्थल अचलपुर से मात्र 25 किमी की दूरी पर स्थित है. जिसका नामक देउरवाडा है. जहां पर अधिक मास के निमित्त रोजाना हजारों की संख्या में भाविक श्रद्धालु दर्शन के लिए आ रहे हैं. इस गांव की विशेषता यह है कि, इस गांव का उल्लेख हिंदू वेद पुराणों में भी है.
भागवत पुराण के अनुसार भगवान विष्णु का नरसिंह अवतार फिलहाल के पाकिस्तान में स्थित मुल्तान में हुआ था, जहां पर उन्होंने हिरण्यकश्यप का वध किया था. उसके बाद भगवान नरसिंह अपने नाखूनों को धोने हेतु महाराष्ट्र में स्थित देउरवाडा से होकर बहने वाली पवित्र नदियों के संगम पर आए थे. इसी कारण देउरवाडा स्थित नदी के संगम पर स्नान का अनन्य साधारण महत्व है.
बता दें कि, देउरवाडा गांव में मेघा व पूर्णा इन दो प्रमुख नदियों के साथ ही कुछ लघुनदियों का संगम होता है, यहां पर श्रद्धालु स्नान करने के बाद मंदिर तट पर स्थित सिद्धेश्वर शिवलिंग के दर्शन करते हैं. सिद्धेश्वर मंदिर से ही पगडंडी से होते हुए एक रास्ता भगवान नरसिंह के मंदिर की ओर जाता है. जहां पर भगवान नरसिंह के साथ माता लक्ष्मी की काले पाषाण से बनी हुई स्वयंभू मूर्तियां प्रतिष्ठित हैं. इस स्थान का महत्व अधिक मास में इसलिए भी और अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार अधिक मास में ही लिया था. इसलिए अधिक मास में भगवान नरसिंह के दर्शन करने से पुण्य की प्राप्ति होती है, ऐसी लोगों में आस्था है. इसी कारण लोग दूर-दूर से इस संगम नदी पर स्नान करने के बाद भगवान नरसिंह के दर्शन करते हैं.

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