अमरावती

करोडों रुपए की विकास निधि जा सकती है वापिस

स्थगनादेश व आचार संहिता का असर

* प्रशासन के सामने 60 दिनों का टार्गेट
अमरावती/ दि.17 – राज्य सरकार व्दारा अब तक जिला नियोजन समिति की ओर से मंजूर किये गए करोडों रुपयों के काम पर लगाई गई स्थगिति को हटाया नहीं गया. साथ ही इस समय विधान परिषद चुनाव की आचार संहिता के चलते करीब 300 करोड रुपयों के कामों पर ब्रेक लगा हुआ है. ऐसे में 31 मार्च से पहले यानी महज 60 दिन के भीतर इतनी बडी विकास निधि को कैसे खर्च किया जाए, इस सवाल से प्रशासन जुझ रहा है. ऐसे में अधिकांश निधि वापस भेजे जाने का भय व्यक्त किया जा रहा है.
जिला नियोजन समिति व्दारा वर्ष 2021-22 तथा वर्ष 2022-23 के लिए करोडों रुपयों की निधि मंजूर की गई. जिसमें से वर्ष 2022-23 के लिए 350 करोड रुपयों का बजट है. इसमें से करीब 40 करोड रुपये खर्च किये जाने की जानकारी जिला परिषद व्दारा दी गई है. वहीं आगामी 21 मार्च को आर्थिक वर्ष खत्म होगा. ऐसे में मार्च एंडिंग की धामधूम शुरु हो गई है, लेकिन जारी वर्ष के दौरान राज्य में सत्ता परिवर्तन होकर नई सरकार अस्तित्व में आयी. जिसने जिला नियोजन के सभी मंजूर कामों पर ब्रेक लगा दिया. ऐसे में कामों के टेंडर व वर्क ऑर्डर पेंडिंग रहे गये. यह स्थिति आदिवासी विभाग समाज कल्याण व स्वास्थ्य विभाग की है. ऐसे में करोडों रुपयों की निधि मंजूर करने के बावजूद भी कई महकमों की निधि 31 मार्च के बाद सरकारी तिजोरी में वापिस चले जाने का खतरा है. यद्यपि जिला परिषद को निधि खर्च करने हेतु 2 वर्ष की अवधि मिलती है. वही अन्य विभागों के पास निधि खर्च करने के लिए एक वर्ष का ही समय होता है. जानकारी के मुताबिक यदि 31 मार्च से पहले भी स्थगिति को हटाया जाता है, तो भी कामों की निविदा प्रक्रिया को पूर्ण करते हुए कामों को प्रत्यक्ष शुरु करना काफी मुश्किल है.

केवल अमरावती व यवतमाल में ही स्थगिति कायम
विशेष उल्लेखनीय है कि, विदर्भ क्षेत्र के अमरावती व यवतमाल इन दो जिलों को छोडकर अन्य सभी जिलों में जिला नियोजन समिति व्दारा मंजूर किये गए कामों को हरी झंडी दिखा दी गई है. वही अमरावती व यवतमाल इन दोनों जिलों में स्थगिति कामय है. ऐसे में यह समझ से परे है कि, इन दोनों जिलों को लेकर राज्य सरकार की नाराजगी क्या है.

ये काम है स्थगित
इससे पहले मंजूर कामों को दी गई स्थगिति तथा जारी माह में स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की चुनावी आचार संहिता की वजह से विकास कार्य बुरी तरह प्रभावित हुए है.
रास्ते के निर्माण कार्य सहित शालाओं की जर्जर ईमारत की देखभाल व दुरुस्ती, अंगनवाडी के निर्माण व स्वास्थ्य केंद्रों की देखभाल व दुरुस्ती जैसे महत्वपूर्ण काम प्रलंबित पडे हैैं.

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