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श्रेयवाद की लडाई में फंसे 75 करोड के विकास कार्य

भूमिपुजन को लेकर विधायक अडसड व पूर्व विधायक जगताप आमने-सामने

* पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने दिखाई सामंजस्यपूर्ण भूमिका
अमरावती/दि.30– आज जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर के हाथों चांदूररेल्वे, धामणगांव रेल्वे व नांदगांव खंडेश्वर इन तीन तहसीलों में करीब 75 करोड रूपयों की लागत से किये जानेवाले विभिन्न विकास कामों का भूमिपुजन किया गया. किंतु ऐन समय पर मामला श्रेयवाद की लडाई में फंसता नजर आया. जब प्रोटोकॉल के अनुसार अपनी अनदेखी किये जाने से आहत व संतप्त होकर क्षेत्र के विधायक प्रताप अडसड तुरंत भूमिपुजन समारोह के आयोजन स्थल पर पहुंचे. जहां पर उन्होंने अपने प्रतिस्पर्धी रहनेवाले व क्षेत्र के पूर्व विधायक रह चुके वीरेंद्र जगताप पर बेवजह सरकारी काम में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया. इस समय पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने बेहद सामंजस्यपूर्ण भूमिका अपनाते हुए स्वीकार किया कि, इस मामले में प्रोटोकॉल की अनदेखी हुई है. अत: उन्होंने तुरंत ही भूमिपुजन समारोह में उपस्थित सरकारी अधिकारियों को भूमिपुजन हेतु लगाये गये बोर्ड तुरंत बदलने और प्रोटोकॉल का पालन करते हुए नये सिरे से बोर्ड लगाने का निर्देश दिया.
इस संदर्भ में विधायक प्रताप अडसड का कहना रहा कि, आज पालकमंत्री यशोमति ठाकुर के हाथों चांदूर रेल्वे निर्वाचन क्षेत्र में शामिल रहनेवाली तीनोें तहसीलों में किये जानेवाले विभिन्न विकास कामों का भूमिपुजन करवाया जाना था. जिसके लिए तीनों तहसीलों के कांग्रेस पदाधिकारियों द्वारा बडे पैमाने पर तैयारियां की गई थी, जिसके लिए कांग्रेस पदाधिकारियों ने अपने स्तर पर ही भूमिपुजन समारोह के बैनर, पोस्टर व फ्लेक्स बनवाये. जिस पर जिले की सांसद नवनीत राणा व क्षेत्र के विधायक प्रताप अडसड यानी खुद उनके नाम का उल्लेख नहीं था, जबकि यह प्रोटोकॉल के लिहाज से बेहद जरूरी है. वहीं प्रोटोकॉल में नहीं रहने के बावजूद इन बैनर-पोस्टर पर विशेष अतिथी के तौर पर पूर्व विधायक जगताप के नाम का उल्लेख था, जो कि, पूरी तरह से नियमबाह्य है. ऐसे में इसकी जानकारी मिलते ही उन्होंने आज सुबह जैसे ही पालकमंत्री यशोमति ठाकुर एक के बाद एक 16 भूमिपुजन समारोहों में शामिल होने हेतु पहुंची, वैसे ही उन्होेंने सबसे पहले आयोजीत भूमिपुजन समारोह में पालकमंत्री ठाकुर से मुलाकात की और उन्हें पूरा मामला बताते हुए जानना चाहा कि, क्या जो कुछ हो रहा है, वह ठीक है. जिस पर पालकमंत्री ठाकुर ने भी हैरत जताते हुए कहा कि, उन्हें इस मामले को लेकर कोई जानकारी ही नहीं थी और स्थानीय जनप्रतिनिधि की अनदेखी करना बिल्कुल भी ठीक नहीं है. ऐसे में पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने तुरंत ही संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशानिर्देश देते हुए प्रोटोकॉल के अनुसार नये बोर्ड लगाने हेतु कहा.
* पालकमंत्री व प्रशासन को अंधेरे में रखा जगताप ने
विधायक प्रताप अडसड ने कहा कि, जब अपने निर्वाचन क्षेत्र में आज आयोजीत भूमिपुजन कार्यक्रमों के बारे में पता चलने पर जब उन्होंने संबंधित अधिकारियों से जानकारी लेनी चाही, तो कल दोपहर तक संबंधित अधिकारियों के पास भी कोई जानकारी नहीं थी. वहीं देर शाम जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर का दौरा फाईनल हुआ, इस समय तक क्षेत्र के पूर्व विधायक जगताप ने पालकमंत्री सहित स्थानीय प्रशासन को अंधेरे मेंं रखा था और इस सरकारी कार्यक्रम को कुछ ऐसे आयोजीत किया गया, मानो यह कांग्रेस पार्टी का अपना कार्यक्रम है, लेकिन विधायक अडसड ने इस बात को लेकर संतोष भी जताया कि, जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने बेहद समझदारीवाली भूमिका अपनायी और एक जनप्रतिनिधि के सम्मान के महत्व को समझते हुए उन्हें सभी भूमिपुजन समारोहोें में अपने साथ रखा. प्रशासन को भूमिपुजन समारोह के बोर्ड बदलने के निर्देश भी दिये.

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