अमरावती

लाखनवाड़ी में  गुणवंत बाबा के चरणों मे मत्था टेकने पहुंचते है भक्त

दिल्ली,उत्तरप्रदेश,मध्यप्रदेश और छतीसगढ़ से आते है लोग

परतवाड़ा/अचलपुर/दी.२४- तहसील के अलावा चांदूर बाजार परिसर के हजारों लोगों की आस्था व विश्वास के प्रतीक औलिया संत गुणवंत बाबा की समाधि स्थल लाखनवाड़ी में हजारों की तादाद में श्रद्धालु मत्था टेकने पहुंचते है.बाबा के दर्शन करने सिर्फ राज्य से ही नही तो अन्य पड़ोसी प्रांतो से भी भक्तों का आगमन होता है.गोर गरीब भक्तो के आदर्श माने जाते गुणवंत बाबा के मंदिर तक पहुंचने  लोग पैदल जाने में भी नही हिचकिचाते है.जिसे जैसा साधन मिल जाये वो अपने इस पीर बाबा के गढ़ तक जाना ही अपना परम् सौभाग्य समझता है.बीती पूर्णिमा को यहां करीब 20 हजार भक्तो ने शीश नवाये.असंख्य लोगो ने मन्नते मांगी तो कई ने अपनी मनोकामना पूरी होने पर प्रसादी का आयोजन भी किया.
चांदूर बाजार तहसील के लाखनवाड़ी ग्राम में बसे गुणवंत बाबा के दर्शनार्थ हजारो भक्त प्रत्येक पूर्णिमा को यहां पहुंचते है.इसके अलावा हर सप्ताह के सोमवार,गुरुवार और रविवार को भी बड़ी संख्या में भक्तो का हुजूम उमड़ पड़ता है.श्रद्धालु भक्तो की सुविधा के लिए अब लाखनवाड़ी में विकास कार्य तेजी से किये जा रहे है.गुणवंत बाबा संस्थान की ओर से भी भक्तो को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं देने के प्रयास किये जा रहे है.आज लाखनवाड़ी में प्रसाधन गृह,वॉशरूम, कांक्रीट सड़के,पूजा सामग्री की  विभिन्न  दुकानों की व्यवस्था पर ध्यान दिया जा रहा है.कुछ खास अवसरों पर लाखों की भीड़  उमड़ने से संस्था की ओर से संपूर्ण व्यवस्था संभालने की कोशिश करने की बात संस्था अध्यक्ष दीपक अकोलकर कहते है.संस्थान की ओर से 15 अधिकृत भूखंडों पर अलग अलग निर्माण कार्य किये जा रहे है.सचिव सुभाष राउत,रोहन अकोलकर के साथ ही संस्था के अन्य सभी पदाधिकारी भक्तो को हर संभव सुविधा उपलब्ध करवाने प्रयत्नशील है.
गुणवंत बाबा के भक्तो की संख्या को ध्यान में रखते हुए संस्थान द्वारा अधिक भूखंडों को लिया गया है.वाहनों के पार्किंग सहित निवास-आवास और भोजन का प्रबंध किया गया है.स्वच्छता गृह और अन्य निर्माण कराये जाएंगे.पंद्रह एकड़ खेती की खरीदी की गई है.
-दीपक अकोलकर,अध्यक्ष,गुणवंत बाबा संस्थान,लाखनवाड़ी
-अन्य प्रांतों से आते हजारो भक्त-:
गुणवंत बाबा के दर्शनों के लिए रोजाना के अलावा प्रत्येक पूर्णिमा के खास मौके पर पड़ोसी मध्यप्रदेश, दिल्ली,उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों से आये हजारों भक्तो की कतार देखने को मिलती है.पिछले इतवार को दत्त जयंती को और पूर्णिमा के दिन करीब 20 हजार भक्तो ने बाबा ने चरणों मे मत्था टेका था.बाबा सभी की मनोकामना पूर्ण करते है,ऐसा लोगो का अटूट विश्वास है.
-बगुलों की पाठशाला-:
लाखनवाड़ी में संस्थान से सटकर ही एक बरगद का विशालकाय वृक्ष है.इस पेड़ पर करीब 30 वर्षो से बगुलों का समूह निवास कर रहा है.सैकड़ो-हजारो की संख्या में बगुलों की पाठशाला यहां लगी रहती है.श्वेत शुभ्र  बगुले प्रातः पांच बजे से ही आकाश में ऊंची उड़ान शुरू कर देते है.शाम के समय बगुलों की किलबिलाहट भक्तो का ध्यान आकर्षित करती है.

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