अमरावती

आनंदजी महाराज के मुखारविंद से श्रीराम कथा का लाभ उठा रहे भक्तगण

बडनेरा के मारुति व शंकर देवस्थान में आयोजन

अमरावती/दि.21-बडनेरा के मारुति व शंकर देवस्थान में श्रीराम चरित मानस कथा का आयोजन किया गया है. प.पू.आनंदजी महाराज मानसप्रेमी के मुखारविंद से श्रीराम कथा श्रवण का लाभ भक्तगण उठा रहे है. कथा के सप्तम दिवस के कथा वाचन में आनंद महाराज ने हितोपदेश देते हुए कहा कि, प्रभु राम ने मां कैकेई व पिता दशरथ के वचनों का पालन कर वनगमन किया. वहीं मां कैकेई ने अपने पुत्र भरत के लिए अयोध्या का राज्य मांगा था, लेकिन भरत का अपने बडे भाई के प्रति प्रेम इतना प्रगाढ था कि, उन्होंने राज्य को ठोकर मारकर अपने भाई को प्राथमिकता दी. भाई के प्रति भाई का अटूट प्रेम ही भरत चरित का सार है.
पपू. आनंदजी महाराज ने कथा के सातवें दिवस के प्रसंग में भगवान राम के वनगमन पश्चात अयोध्या में भरत जी का अपने नाना के घर से आगमन, मां कैकेई से संवाद, पिता दशरथ जी का भरत जी द्वारा अंतिम संस्कार का वर्णन किया. पश्चात राम दर्शन की लालसा लेकर चित्रकूट गमन और भगवान राम व भरत जी के मिलन का प्रसंग श्रोताओं को श्रवण कराया. यह प्रसंग सुन श्रोता भावविभोर हो गए. पश्चात आरती व प्रसाद वितरण हुआ.कथा के दौरान सुदर्शन गांग जैन, प्रदीप जैन, चंदूलाल अग्रवाल, नंदकिशोर राठी, चंद्रकांत खुसपे, दिलीप पवार, माणिक दवंडे, सुनील चौहान, राजेंद्र शिरभाते, शिवलाल कोपरेकर, गोपाल महाराज, कैलाश जोशी, मदन यादव, जगदीश जोशी, मुन्नासेठ अग्रवाल, फकीरचंद अग्रवाल, सुभाष अग्रवाल, मुन्ना मथुरा, राधेश्याम अग्रवाल, बाबूलाल सेठ, रमाकांत कुर्तकोटी, हसमुखभाई पटेल, रवींद्र कयकडे, भीमराव चौहान, मोतीलाल साहू, सुखदेव ईश मथानकर, अथर्व जाधव, मोहनसेठ दुलाहानी, जगदीश राजौरी, देवीदास गोविंद, कुंदन यादव, अनंत, आलोक, राजेंद्र जाधव, ओमप्रकाश शर्मा, बाबाराव झांझड, रामजी पांडे महाराज, अनिल जोशी, संजय जोशी, विशाल पाटने समेत भक्तगण बडी संख्या में उपस्थित रहे.
* 22 अगस्त को समापन
अधिक व सावन माह निमित्त बडनेरा के मारुति व शंकर देवस्थान मंदिर में इस भव्य-दिव्य श्रीराम कथा का आयोजन चल रहा है. 14 से 22 अगस्त तक इस 9 दिवसीय संगीतमय श्रीराम चरित मानस कथा का भक्तगण लाभ लें, ऐसा आह्वान आयोजकों द्वारा किया गया है.

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