आषाढी एकादशी पर विठ्ठल रूक्मिणी मंदिर में उमडी भक्तों की भीड
जयहरि विठ्ठल नाम के जयकारे से गूंज उठा शहर
* भाविको ने लिया साबुदाना खिचडी प्रसाद का लाभ
अमरावती/दि.11 -शास्त्रों के अनुसार आषाढ शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि को शंखासुर दैत्य मारा गया था. इसी दिन से चातुर्मास की शुरूआत होती है और भगवान विष्णु क्षीरसागर में चार महिनों के लिए विश्राम करते है और कार्तिक शुक्ल एकादशी को वे जागते है. रविवार को शहर के विविध विठ्ठल रूक्मिणी मंदिर में सुबह से ही पूजा अर्चना के बाद धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया गया था. जिसमें भगवान विठ्ठल और रूक्मिणी का अभिषेक कर उनका श्रृंगार किया गया. विठ्ठल रूक्मिणी के दर्शन के लिए शहर के मंदिरों में भाविको की भीड उमडी.
जय हरि विठ्ठल के जयकारे से शहर गूंजायमान हुआ. शहर के अंबागेट परिसर के बुधवारा में स्थित प्राचीन विठ्ठल रूक्मिणी मंदिर में रविवार सुबह से ही भाविक भक्तों की भीड लगने लगी. साथ ही शहर के अन्य मंदिरों में भी भाविको ने कतारबध्द होकर विठ्ठल रूक्मिणी के दर्शन किए. हिंगासपुरे नगर स्थित विठ्ठल रूक्मिणी मंदिर , गडगडेश्वर परिसर के विठ्ठल रूक्मिणी मंदिर फर्शी स्टॉप के विठ्ठल रूक्मिणी मंदिर, लक्ष्मीनगर स्थित कावरे द्बारा स्थापित विठ्ठल रूक्मिणी मंदिर, मंगलधाम परिसर के विठ्ठल धाम, कवरनगर चौक स्थित महानुभाव आश्रम में तथा लोकनिर्माण विभाग परिसर के विठ्ठल रूक्मिणी मंदिर में भी विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की गई और भाविको को साबुदाना खिचडी प्रसाद का वितरण किया गया.