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धनगर जाती को अनु.जमाती की यादी में समाविष्ट न करे

ट्रायबल फोरम ने भेजा राज्यपाल मुख्यमंत्री को निवेदन

अमरावती -दि.03- धनगर, धनगड यह दोनों ही शब्द अनुसुचित जमाती में सुचित नहीं है. धनगड यह मगर विभिन्न राजकीय पार्टी के लोकप्रतिनिधि की ओर से धनगर समाज को अनुसूचित जमाती के सुचित करने के लिए असंवैधानिक मांग को पुरा करने का काम दिखाई पड रहा है. जो की यह बात बहुत ही निषेधात्मक है. धनगर जाती को अनुसूचित जमाती की यादी में समाविष्ट न करे. ऐसा निवेदन ट्रायबल फोरम की ओर से प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, आदिवासी विकास मंत्री विजय गावीत को निवासी जिलाधिकारी के मार्फत भेजा गया.
निवेदन में मांग करते हुए कहा गया कि महाराष्ट्र में धांगड यह शब्द का भाषांतर धनगड के रुप में किया जाता है. जिसका भाषांतर धांगड है. महाराष्ट्र राज्य में अनुसूचित जमाती की यादी में क्रमांक 36 पर ओरॉन जमात है. जिसकी पोटजात धांगड है. ओरॉन ही भारत की प्रमुख जमात है. उसे 7 राज्य के सुचित रुप से दर्शाया गया है. महाराष्ट्र में ओरॉन धांगड नहीं है मगर उसे सुचित किया गया है. धांगड़ जमात से धनगर जाती का कोई संबंध नहीं है. धनगर जाती के नेताओं व कुछ राजनितीक पार्टी के प्रतिनिधियों की मांग असंवैधानिक है. इस लिए भारत सरकार किसी भी प्रकार से धनगरों की सिफारिश न करें व अनुसूचित जमाती की यादी में समावेश न करने की मांग इस समय की गयी. इस समय महानंदा टेकाम, शंकुतला मरसकोल्हे, अर्चना धुर्वे, सुरेखा पदाम, जोत्सना चुंबडे, मंगला सयाम, ललीता पंघरे, शारदा सयाम, वंदना सयाम, बहिनाबाई कुमरे, सुरेश धुर्वे, गंगाराम जाम्बेकर, रविन्द्र जावरकर, शाम बेठेकर, गणेश बेठेकर, गोपाल निभोंलकर, अर्जुन मावस्कर, विनोद उईके, सुशिल जाम्बेकर आदि मौजुद थे.

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