धनगर समाज को एसटी संवर्ग में न दिया जाये आरक्षण
आदिवासी व क्रांति दल ने उठाई मांग
अमरावती /दि.19- विगत कुछ समय से राज्य सरकार द्वारा धनगर समाज को अनुसूचित जनजाति का आरक्षण देने हेतु राज्य सरकार द्वारा कदम उठाये जा रहे है. जिसके बारे में खुद राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने धनगर समाज के प्रतिनिधि मंडल को जानकारी दी है. ऐसे में आदिवासी युवक क्रांति दल इन तमाम तैयारियों का निषेध करते हुए सरकारी फैसले का विरोध करता है. इस आशय का ज्ञापन सौपने के साथ ही आदिवासी युवा क्रांति दल ने धनगर समाज को अनुसूचित जनजाति संवर्ग के तहत आरक्षण नहीं दिये जाने की मांग उठाई है.
इस संदर्भ में सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया है कि, ओरॉन व धांगड जनजाति का धनगर जाति से कोई संबंध नहीं है. बल्कि धनगर यह एक जाति है, कोई जनजाति नहीं और धनगर जाति से वास्ता रखने वाले लोग आदिवासी भी नहीं होते. ऐसी रिपोर्ट टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सायंस द्वारा राज्य सरकार को दी गई है. लेकिन इसके बावजूद भी धांगड जनजाति की अंग्रेजी भाषा में रहने वाली स्पेलिंग का अपभ्रंश करते हुए उसे धनगड व धनगर बताया जा रहा है. साथ ही धनगर समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल करते हुए एसटी संवर्ग के तहत आरक्षण देने का प्रयास किया जा रहा है. जबकि आदिवासी समाज को ही अब तक सही मायनों में 7 फीसद आरक्षण का लाभ नहीं मिला है. अत: एसटी संवर्ग में अब किसी भी अन्य समाज को शामिल न किया जाये.
ज्ञापन सौंपते समय आदिवासी युवा क्रांति दल के संस्थापक रामेश्वर युनाते, पंकज वेराटे, प्रशांत मडावी, वंदना कंगाले, पूर्व महापौर विनोद मरस्कोल्हे, संजय मसराम, रामेश्वर उइके, सुनीता सिसोदे, संतोष किरनाके, मोना आत्राम, सिमा मरकाम, प्रभा मसरे, पियुष पंधरे, मनोज कुमरे, लक्षण मरकाम, अस्मिता वेराटे, विवेक, केराम, क्रिष्णा परतेकी, रवि पुसनाके, डॉ. सूरज मडावी, वैभव पेंदाम, विनोद कुमरे, अर्चना पुर्वे, शिवाजी खंडे, रमेश युवनाते, अंबतरावजी कलाके, विनायकराव सिसोदे, गोलू गेडाम, जयंत वाढिवे आदि उपस्थित थे.