72 वर्ष के इतिहास में पहली बार धानोरा पूर्णा की यात्रा रद्द
काफी प्राचीन व ऐतिहासिक है सुंदर नारायण मंदिर
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संत गाडगे बाबा व तुकडोजी महाराज ने शुरु की थी परंपरा
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संस्थान के अध्यक्ष प्रकाश राउत (Prakash Raut) ने दी जानकारी
अमरावती/दि.26 – जिले के चांदूर बाजार तहसील के तहत आने वाले धानोरा पूर्णा स्थित प्राचीन व ऐतिहासिक मंदिर सुंदर नारायण संस्थान में हर वर्ष माघ पूर्णिमा से यात्रा महोत्सव प्रारंभ होता है. जिले तथा विदर्भ के विभिन्न क्षेत्रों से भाविक यहां दर्शन के लिए आते है. किंतु इस बार कोरोना प्रादुर्भाव के चलते शासकीय आदेशानुसार यात्रा महोत्सव को अनुमति न रहने से पहली बार यह यात्रा खंडित हो रही है. लगभग 72 वर्ष के इतिहास में इस वर्ष पहली बार धानोरा पूर्णा की सुंदर नारायण संस्थान का यात्रा महोत्सव नहीं होगा, इस तरह की जानकारी संस्थान के अध्यक्ष प्रकाश रामरावजी राउत ने दी है.
उल्लेखनीय है कि 1947 को वैराग्यमूर्ति श्री संत गाडगे महाराज व राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज ने स्वयं इस यात्रा महोत्सव की शुरुआत की थी. वे स्वयं इस यात्रा में सहभागी होकर सामाजिक प्रबोधन करते थे. आमतौर पर यह यात्रा 15 दिन की रहती है और इस यात्रा में अमरावती जिले तथा विदर्भ के 25 से 30 ग्रामीण क्षेत्र के सभी भाविक बडे उत्साह के साथ सहभागी होते है तथा यात्रा का आनंद लूटने के साथ ही जीवनावश्यक वस्तुओं की खरीददारी भी करते है. किंतु इस वर्ष इस यात्रा में कोई भी सहभाग नहीं ले पायेंगे.
सुंदर नारायण संस्थान की यात्रा के विशेषकर 3 कार्यक्रम प्रमुख रहते है. होम हवन, भरत भेंट और दहीहांडी काला. जो इस वर्ष 26 फरवरी, 27 फरवरी व 28 फरवरी को होने वाले थे. किंतु शासन आदेश से लॉकडाउन घोषित हो जाने से यह सभी कार्यक्रम रद्द किये गए है तथा मंदिर में दर्शन की व्यवस्था भी कोविड-19 के नियम के अनुसार चुनिंदा समय में की गई है. कुल 10 नागरिकों से ज्यादा लोगों को नहीं छोडा जा रहा है. 10 वर्ष आयु से कम और 65 वर्ष आयु से ज्यादा ज्येष्ठ नागरिकों को प्रवेश नहीं रहेगा. साथ ही मंदिर में बिना मास्क प्रवेश नहीं दिया जा रहा है तथा सोशल डिस्टेसिंग व स्वच्छता का कडाई से पालन किया जा रहा है. सभी भाविक भक्तों को मंदिर में भीड न करने और यात्रा महोत्सव रद्द किये जाने की जानकारी सुंदर नारायण मंदिर संस्थान विश्वस्त मंडल के अध्यक्ष प्रकाश राउत ने दी है.