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‘धनुष्यबाण’ मेरा अस्तित्व है, मैं इस पर ही चुनाव लडूंगा, इसके बावजूद फैसला वरिष्ठ करेंगे

पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल का कथन, चुनाव लडने पूरी तरह तैयार

अमरावती/दि.23 – मैंने अपने राजनीतिक जीवन में आज तक 6 बार शिवसेना प्रत्याशी के रुप में धनुष्यबाण के चुनावी चिन्ह पर चुनाव लडे है और वे धनुष्यबाण के चुनाव चिन्ह पर ही पांच बार विजयी होकर संसद में पहुंचा. ऐसे में धनुष्यबाण चुनावी चिन्ह मेरे लिए मेरी पहचान और अस्तित्व का दर्जा रखता है. जिसे छोडकर किसी अन्य चुनावी चिन्ह पर चुनाव लडने का सवाल ही नहीं उठता. इस आशय का प्रतिपादन जिले के पूर्व सांसद व शिंदे गुट वाली शिवसेना के नेता आनंदराव अडसूल द्वारा किया गया.
उल्लेखनीय है कि, विगत कुछ समय से यह चर्चा काफी जोर पकड रही है कि, इस बार अमरावती संसदीय सीट शिवसेना को देने की बजाय भाजपा द्वारा महायुति के तहत अपने पास रखी जायेगी और भाजपा के कमल चुनाव चिन्ह पर प्रत्याशी खडा किया जाएगा. महायुति के तहत भाजपा की ओर से प्रत्याशी बनाये जाने वाले संभावित नामों मेें पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल के नाम का भी समावेश है. ऐसे में इस बात को लेकर कौतुहल देखा जा रहा है कि, क्या इससे पहले अमरावती संसदीय क्षेत्र से तीन बार धनुष्यबाण चुनावी चिन्ह लेकर सेना प्रत्याशी रह चुके आनंदराव अडसूल इस बार कमल चुनाव चिन्ह के साथ दिखाई देने वाले है. इसे लेकर जानकारी व प्रतिक्रिया हेतु संपर्क किये जाने पर पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल ने कहा कि, निश्चित तौर पर वे एक बार फिर अमरावती संसदीय सीट से लोकसभा का चुनाव लडने की इच्छा रखते है और इस बारे में लगातार अपनी पार्टी के नेता व राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ चर्चा भी कर रहे है. पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल के मुताबिक ही वे हमेशा धनुष्यबाण चुनावी चिन्ह पर चुनाव लडते आये है और इस समय भी धनुष्यबाण का चुनाव चिन्ह शिंदे गुट वाली शिवसेना के पास है. ऐसे में वे निश्चित तौर पर अपने पुराने चुनावी चिन्ह यानि धनुष्यबाण के साथ ही चुनावी मैदान में उतरना चाहेंगे. जिसके लिए उनकी पार्टी नेतृत्व से बातचीत चल रही है. वहीं इस बारे में पार्टी नेतृत्व की ओर से ही कोई फैसला लिया जाएगा और अगर पार्टी नेतृत्व द्वारा गठबंधन धर्म के चलते कोई दूसरा फैसला भी लिया जाता है, तो उन्हें वह फैसला पूरी तरह से स्वीकार होगा.

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