* प्रदेश की महिलाओं का हेल्थ अपडेट
बीड दि.25– सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेक योजनाएं चलाई जाती है, बावजूद इसके राज्य की महिलाओं की स्वास्थ्य विषयक समस्याएं कम नहीं हुई है. राज्य की 5 लाख 9 हजार 503 महिलाओं में मधुमेह के लक्षण पाये जाने के साथ ही 3 लाख 74 हजार से अधिक महिलाओं को उच्च रक्तदाब है.
गर्भवती महिलाओं का विचार किया जाये तो 1 लाख 11 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओ को उच्च रक्तदाब है. वहीं करीबन 80 हजार गर्भवती स्वास्थ्य विषय धोखे के गट में है. 96 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं को तीव्र रक्ताक्षय होने के साथ ही 1.3 प्रतिशत को मधुमेह का निदान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाये गये माता सुरक्षित तो घर सुरक्षित अभियान से यह जानकारी सामने आयी है.
स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत की संकल्पना से नवरात्रि पर्व के समय यह अभियान चलाया गया. इसके अंतर्गत 26 सितंबर से 18 वर्ष से अधिक आयु की महिला, माता, गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच करने का नियोजन था. एकात्मिक बाल विकास सेवा योजना एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, उपकेंद्र, ग्रामीण अस्पताल, कुटीर रुग्णालय, उपजिला व जिला रुग्णालयों में शिविर लेकर यह स्वास्थ्य जांच की गई. अभियान अंतर्गत राज्य में 4 करोड़ महिलाओं के स्वास्थ्य जांच का उद्दिष्ट है. शुरुआत में नवरात्रि में अभियान चलाने की अवधि थी. लेकिन 5 लाख महिलाओं की भी जांच नहीं हुई. जिसके चलते दिवाली तक अवधि बढ़ाई गई थी. बावजूद प्रतिसाद न मिलने के कारण 15 नवंबर एवं बाद में 30 नवंबर तक तीसरी बार समयावधि दी गई, 18 नवंबर की स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 3 करोड़ 86 लाख 13 हजार 371 यानि करीबन 82.8 प्रतिशत महिलाओं की स्वास्थ्य जांच हुई तो 18 प्रतिशत महिलाएं अब भी शेष है.
2022-23 के अर्थसंंकल्प में सार्वजनिक स्वास्थ्य व कुटुंब कल्याण विभाग के लिये 3 हजार 183 करोड़ का नियोजन है. प्रजनन, माता, नवजात शिशु एवं किशोरवयीन युवक-युवतियों के लिये 2020-21 में 293.85 करोड़ तो 2021-22 में दिसंबर तक 78.24 करोड़ खर्च हुआ. संस्थात्मक प्रसूती को गति देने के लिये जननी सुरक्षा योजना अंतर्गत 2019-20 में 47.55 करोड़, 2020-21 में 43,11 करोड़ तो 2021-22 में 11.73 करोड़ खर्च हुए. बावजूद प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना, नवसंजीवनी योजना व मातृत्व अनुदान योजना रहते हुए भी गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की समस्या कायम है.
* एक लाख महिलाओं को शस्त्रक्रिया की आवश्यकता
अभियान में 2 लाख 36 हजार 446 महिलाओं का एक्स रे निकाला गया. 60 वर्ष से अधिक 1 लाख 7 हजार 780 महिलाओं की नेत्र जांच की गई. जांत के बाद आवश्यकतानुसार आगामी उपचार व शस्त्रक्रिया की सुविधा है. इसके लिये प्रत्येक जिले को जिला नियोजन समिति की ओर से 2 करोड़ का निधि दिया गया. जिसके अनुसार 1 लाख 14 हजार 889 महिलाओं पर विविध शस्त्रक्रिया की जाएगी.
30 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं के हेल्थ कार्ड
मधुमेह का प्राथमिक निदान 5,09,503 1.3%
उच्च रक्तदाब 374647 0.9%
हृदय संबंधी बीमारी 29,005 0.075%
कर्करोग के लक्षण 51,074 0.13%
गर्भाशय मुख कर्करोग लक्षण 17508 0.04
जांच की गई गर्भवतियों में से
1,11,766 उच्च रक्तदाब 4.5%
79,791 अतिजोखिम गट में 3.2%
96,342 तीव्र रक्तक्षय 3.8%
44,950 हिमोग्लोबन कम है 1.8%
अच्छा उपचार दिया जाएगा
राज्य में पहली बार इतने बड़े पैमाने में महिलाओं की स्वास्थ्य जांच की गई. उपचार के लिये प्रत्येक जिले को 2 करोड़ का निधि दिया गया. अभियान से उपचार के लिये आवश्यक महिलाओं पर अच्छे दर्जे का उपचार, शस्त्रक्रिया की जाएगी. ऐसी सूचना दी गई है.
– तानाजी सावंत, स्वास्थ्य मंत्री, महाराष्ट्र राज्य