अमरावती

सुपर में 8610 मरीजों का डायलेसिस, किडनी ट्रान्सप्लांट के 6 ऑपरेशन

दिनों दिन बढ रही किडनी संबंधित बीमारियां, बदलती जीवनशैली व आहार का परिणाम

अमरावती/दि.6 – स्थानीय विभागीय संदर्भ रुग्णालय यानि सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल में विगत 11 माह के दौरान किडनी की बीमारी से पीडित 8 हजार 610 मरीजों पर डायलिसीस किया गया है. साथ ही किडनी प्रत्यारोपण की 6 शल्यक्रियाएं करते हुए 6 मरीजों की जान बचाई गई. इस आशय की जानकारी सुपर स्पेशालिटी अस्पताल प्रशासन द्बारा दी गई है.
उल्लेखनीय है कि, बदलती जीवनशैलीे एवं असंतुलित आहार की वजह से अमरावती जिले में भी किडनी की बीमारी का प्रमाण विगत लंबे समय से लगातार बढ रहा है. बता दें कि, इंसानी शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से किडनी एक बेहद महत्वपूर्ण अंग है, जो शरीर में पैदा होने वाले विषैले तत्वों तथा कचरे को बाहर निकालने, शरीर में रहने वाले अतिरिक्त द्रव्य व रक्त बाहर फेंकने एवं स्वच्छ करने, लाल रक्त पेशी के लिए हार्मोन तैयार करने तथा विटामिन-डी के शोषण को बढाने का काम करता है. परंतु बदलती जीवनशैली व खानपान संबंधी गलत आदतों के चलते स्वास्थ्य के साथ-साथ किडनी पर सर्वाधिक परिणाम पडता है. जिसके चलते धीरे-धीरे किडनी खराब होने लगती है. ऐसे में किडनी द्बारा शरीर में रक्त की आपूर्ति का काम प्रभावित होता है. ऐसे में डायलीसिस करते हुए मरीज के शरीर में शुद्ध रक्त की आपूर्ति करना बेहद जरुरी हो जाता है. साथ ही कई बार दोनों किडनियों के खराब हो जाने पर मरीज की जान बचाने के लिए किडनी प्रत्यारोपण की शल्यक्रिया करनी पडती है. इसी के चलते स्थानीय सुपर स्पेशालिटी अस्पताल में किडनी मरीजों के इलाज हेतु स्वतंत्र रुप से नेफ्रोलॉजी विभाग खोला गया. जहां पर विगत 19 माह के दौरान 8 हजार 610 मरीजों को डायलिसीस का उपचार किया गया. साथ ही सुपर स्पेशालिटी अस्पताल में 6 मरीजों पर किडनी प्रत्यारोपण की शल्यक्रिया करते हुए उनकी जान बचाई गई.

* डायलिसिस मशीन से अशुद्ध रक्त निकालकर शुद्ध रक्त की आपूर्ति
सुपर हॉस्पिटल की डायलिसिस यूनिट में कुल 19 डायलिसिस मशीन है. इन मशीनों के जरिए मरीज के शरीर से रक्त के अशुद्ध घटकों को बाहर निकालकर शरीर में शुद्ध रक्त की आपूर्ति की जाती है. यह मशीन एक तरह से कृत्रिम तौर पर किडनी का ही काम करती है. ऐसे में कोई भी किडनीग्रस्त मरीज डायलिसिस उपचार लेकर 15 वर्ष से अधिक समय तक जीवित रह सकता है.

* यह लक्षण दिखाई देते ही डॉक्टर की सलाह लें
पेशाब का रंग बदलना, बार-बार पेशाब आना, पेशाब में जलन होना, घुटनों व पैर में सुजन रहना, छाती में जलन होना, उल्टीयां होना, भूख न लगना, थकान व कमजोरी महसूस होना, पेट व पीठ में दर्द रहना तथा हमेशा चिडचिडापन रहना आदि लक्षण दिखाई देते ही तुरंत किसी विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक होता है.

सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल में डायलिसिस का इलाज पूरी तरह से नि:शुल्क तौर पर होता है. विगत 11 माह में 8610 मरीजों पर डायलिसीस का इलाज किया गया. वहीं 6 मरीजों पर किडनी प्रत्यारोपण की सफलतापूर्वक शल्यक्रिया भी की गई. किडनी की बीमारी से दूर रहने हेतु खाने-पीने की गलत आदतों से दूर रहना जरुरी है. साथ ही जीवनशैली में भी संतुलन बनाए रखना चाहिए.
– डॉ. अमोल नरोटे,
वैद्यकीय अधीक्षक,
सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल

* डायलिसिस वाले मरीजों की महिना निहाय संख्या
महिना डायलिसिस वाले मरीज
अप्रैल 709
मई 730
जून 775
जुलाई 787
अगस्त 758
सितंबर 725
अक्तूबर 683
नवंबर 753
दिसंबर 996
जनवरी 910
फरवरी 865
कुल 8610

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