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क्या गडकरी के आगमन से भाजपा में आयी स्फूर्ति !

अमरावती/दि.31- भारतीय जनता पार्टी की केंद्र से लेकर प्रदेश तक सरकार रहने पर भी विधानसभा चुनाव में महायुति के सीट बंटवारे को लेकर चल रहे उहापोह के कारण अमरावती और बडनेरा के पार्टी जनों में उत्साह नदारद हो गया था. यह बात पिछले शनिवार प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के जिला प्रवास दौरान दिखाई पड रही थी. किंतु विदर्भ के लोकप्रिय नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अमरावती आने से कार्यकर्ताओं में स्फूर्ति का संचार देखा गया. अब पार्टी के ही लोग आपस में चर्चा कर रहे हैं कि क्या यह स्फूर्ति विधानसभा चुनाव तक बनी रहेगी ?
लडा था लोकसभा
भाजपा ने अमरावती में पहली बार लोकसभा चुनाव लडा. जब उसने नवनीत राणा को बिल्कुल समय पर कमल निशानी देकर उम्मीदवार घोषित किया. राणा की विजय हेतु भाजपाईयों ने प्रयत्नों की पराकाष्ठा की. उसके अनेक राष्ट्रीय नेता यहां प्रचार के लिए पहुंचे. केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने भी साईंसकोर मैदान पर बहुचर्चित सभा ली. बावजूद इसके भाजपा को अमरावती संसदीय क्षेत्र में पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली.
विधानसभा में सीट शेयरिंग
लोकसभा चुनाव में हार के बाद पदाधिकारी विधानसभा चुनाव की तैयारी में लगे थे. नये सिरे से जुटे थे. पार्टी के आयोजन भी बहुतेरे होने लगे. उसी प्रकार राज्य शासन की लाडली बहना योजना और अन्य योजनाओं ने पार्टी के कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार किया था. तभी महायुती में प्रमुख घटक दलों को सीटों का बंटवारा याद आया. ऐसे में अमरावती महानगर और उससे सटे बडनेरा के विधानसभा क्षेत्र सहयोगी दलों को जाने की संभावना बनी.
बावनकुले का आवाहन
प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने अपने जिला प्रवास का प्रारंभ मोर्शी-वरूड विधानसभा क्षेत्र से किया. वहीं से उन्होंने संभावित सीट शेयरिंग को लेकर नैरेटिव सेट करना प्रारंभ कर दिया. बावनकुले ने कार्यकर्ताओं से महायुति के प्रत्याशियों को विजयी करने का आवाहन किया. वे कहते रहे कि चुनाव निशानी कोई भी हो. महायुति के उम्मीदवार को विजयी बनाना हमारा लक्ष्य रहना चाहिए. राजनीतिक जानकारों ने इसमें संकेत देख लिए. जिसके अनुसार मोर्शी क्षेत्र भी सिटींग एमएलए के कारण सहयोगी दल के लिए भाजपा को देना पड सकता हैं. फलस्वरुप भाजपाई कार्यकर्ता थोडे नाराज हो गए. लोकसभा मेें हार और विधानसभा में चुनाव लडने का भी अवसर नहीं मिलने की संभावना से भाजपा के कई पदाधिकारी नाराज होने की प्रतिक्रिया देखी जा रही हैं.
गडकरी आए तो सुदूर स्थल भी पहुंचे लोग
देश के सडक परिवहन मंत्री नितिन गडकरी शुक्रवार को अमरावती पधारे. उन्होंने तीन मुख्य कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. मार्गदर्शन किया. अपनी बातों और घोषणाओं के साथ ही वे धारा प्रवाह संबोधन से सभी को जीत लेते हैं. उसी प्रकार कमाल के लोकप्रिय हैं. सत्ता में सतत रहने के बाद भी उनकी जनप्रियता कई बार अचरज में डाल देती हैं. वे शहर से 9-10 किमी दूर एक चालक प्रशिक्षण केंद्र का लोकार्पण करने पहुंचे थे. वहां भी गडकरी को देखने और सुनने वालों का रेला उमडा था. बेशक अधिकांश भाजपाई और संघ विचार धारा को मानने वाले लोग थे. किंतु इसके उपरांत भी गडकरी के प्रवीण पोटे के जनसपर्क कार्यालय में पहुंचने पर उनसे मिलने, निवेदन देने का तांता लगा था.
गडकरी से गुहार
गडकरी से अपनी गुहार लगाने वालों की रेलमपेल थी. यहीं पर भाजपा में गडकरी के दौरे से उत्साह संचार का अनुभव जानकारों ने किया. सांसद डॉ. अनिल बोंडे से लेकर छोटे- छोटे कार्यकर्ता से गडकरी मिले. उनकी बात सुनी. उनका निवेदन स्वीकार किया. जहां तक हो सके कार्य करने का अथवा करवाने का भरोसा दिलाया. गडकरी का शब्द खाली नहीं जाता. यह अनुभव अनेक लोग अनेक अवसरों पर व्यक्त कर चुके हैं. ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि गडकरी के अमरावती आगमन से भारतीय जनता पार्टी के विधानसभा चुनाव परिणामों पर कितना प्रभाव पडता हैं. यहां उल्लेखनीय हैं कि गडकरी की लोकप्रियता के कारण प्रदेश भाजपा संघ के माध्यम से गडकरी को राज्य में सक्रिय करने का अनुरोध कर चुकी हैं.

 

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