पंचांग देखकर निकाला क्या विधानसभा चुनाव का मुहूर्त?
लोकसभा के अनुभव को देखते हुए सतर्कता बरते जाने की चर्चा
अमरावती /दि.19- आगामी माह बुधवार 20 नवंबर को राज्य विधानसभा के चुनाव हेतु मतदान की तारीख तय की गई है. यह तारीख न दीपावली पर्व के बीच में आ रही है और न ही इस तारीख पर कोई अवकाश है. इसके साथ ही इस तारीख पर विवाह जैसे शुभ कार्य प्रसंग की कोई तिथि भी नहीं है. यानि मतदान वाले दिन केवल मतदान और कुछ नहीं, ऐसी जोरदार तारीख इस बार मतदान हेतु तय की गई. जिसे देखते हुए अब मजाकिया अंदाज में यह सवाल पूछा जा रहा है कि, कहीं निर्वाचन आयोग ने पंचांग देखकर तो मतदान की तारीख तय नहीं की.
उल्लेखनीय है कि, विधानसभा अथवा लोकसभा सहित स्थानीय स्वायत्त निकाय के चुनाव हेतु मतदान वाले दिन अवकाश रहता है. चूंकि मतदान करना एैच्छिक होता है और मतदान करने की कोई जबर्दस्ती भी नहीं होती. इस बात का फायदा उठाते हुए मतदान वाली तारीख से लगभग कोई अवकाश रहने पर लोगों का रुझान घुमने-फिरने की ओर ज्यादा रहता है, अमूमन यदि मतदान का दिन शनिवार या रविवार से लगा हुआ हो, तो ऐसे छुट्टीवीरों की संख्या और अधिक बढ जाती है. जिसकी वजह से मतदान का प्रतिशत घट जाता है. इस बार की ओर निर्वाचन आयोग द्वारा बेहद गंभीरता पूर्वक ध्यान दिया गया है और इस बार मतदान की तारीख बुधवार वाले दिन तय की गई है. जिसके अगल-बगल अन्य कोई अवकाश वाला दिन भी नहीं है. ऐसे में मतदान के दिन रहने वाले अवकाश के साथ आने वाली छुट्टियों का फायदा उठाने की फिराक में रहने वाले लोगों की मंशा इस बार धरी की धरी रह गई है.
यहां यह भी विशेष उल्लेखनीय है कि, विगत अप्रैल व मई माह के दौरान जब समूचे देश में शादी-ब्याह की धूम चल रही थी, तो ठीक उसी समय लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया भी चल रही थी. जिसका सीधा असर मतदान पर हुआ और कई मतदाता शादी-ब्याह के समारोह में शामिल रहने के चलते उन्होंने मतदान भी नहीं किया. साथ ही गुजरात व मध्यप्रदेश में मतदान वाले दिन होने वाले शादी-ब्याह समारोह को स्थगित भी करना पडा था. इस बात का पुनरावृत्ति न हो इस बात की ओर विधानसभा चुनाव के लिए ध्यान में रखा गया है.
ज्ञात रहे कि, इस वर्ष 28 अक्तूबर से दीपावली का पर्व शुरु होने जा रहा है. जिससे पहले 14-15 अक्तूबर से ही स्कूलों व कॉलेजों में अवकाश घोषित हो गये है. जिसके चलते कई लोगों ने दीपावली पर्व के समय घूमने-फिरने हेतु बाहरगांव जाने का नियोजन पहले ही कर लिया है. वहीं महाराष्ट्र में दीपावली पश्चात तुलसी विवाह का पर्व निपटते ही वैवाहिक मुहूर्त शुुरु हो जाते है. जिसके चलते इस वर्ष 13 नवंबर को तुलसी विवाह से शुरु होने वाले वैवाहिक सीजन को देखते हुए बराबर ऐसी तारीख देखी गई है. जिस दिन कोई वैवाहिक मुहूर्त व तिथि न हो. बता दें कि, 20 नवंबर को पूरे दिन भर के दौरान कोई वैवाहिक मुहूर्त नहीं है. जिसके चलते शायद निर्वाचन आयोग को यह विश्वास रहा हो कि, बुधवार 20 नवंबर को कोई वैवाहिक मुहूर्त नहीं रहने और 20 नवंबर के आसपास कोई अन्य अवकाश वाला दिन भी नहीं रहने के चलते अधिक से अधिक मतदाता मतदान करने हेतु मतदान केंद्रों तक पहुंचेंगे. जिसके जरिए मतदान के प्रतिशत को उंचा उठाया जा सकेगा.