डिजिटल बैंकिंग का गलत इस्तेमाल कर की जा रही धोखाधडी
सीपी डॉ. आरती सिंह ने सर्तक रहने का जनता से किया आहवान
अमरावती/प्रतिनिधि दि.२१ – कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार द्बारा आवश्यक कदम उठाते हुए संपूर्ण जिलेभर में संचारबंदी लागू कर दी गई है. जिसमें जीवनावश्यक वस्तुओं की दूकानों को छोडकर बाकी सभी दूकानें व प्रतिष्ठान बंद रखने के आदेश जिला प्रशासन द्बारा दिए गए है. बैंकों में अनावश्यक भीड न हो इसके लिए डिजिटल बैंकिंग सुविधा का इस्तेमाल करने की भी सूचना दी गई है. किंतु डिजिटल बैंकिंग का गलत इस्तेमाल कर ठगबाज इंटरनेट के माध्यम से जनता के साथ धोखाधडी कर रहे है जिसमें जनता से सर्तक रहने का आहवान सीपी डॉ. आरती सिंह ने किया है.
डिजिटल बैंकिंग का गलत इस्तेमाल कर जनता के साथ धोखाधडी की घटना न हो इसके लिए पुलिस आयुक्त सीपी डॉ. आरती सिंह व सायबर पुलिस शाखा द्बारा जनता को सर्तक रहने का आहवान किया गया है. ठगबाज फोन पर अंजान लोगों को जीवनावश्यक सामग्री घर तक पहुंचाने के लिए बैंक अकाउंट में पैसे जमा करवा लेते है और फिर उनके साथ धोखाधडी करते है ऐसी कुछ घटनाएं उजागर हुई है. जिसमें जनता से सर्तक रहने का आहवान किया गया है.
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ठगबाज इस तरह से करते है धोखाधडी
साइबर अपराधियों द्बारा शहर के नामांकित लोगों को फोन पर संपर्क कर ब्लड टेस्ट लैब्रॉटरी टैक्निशियन के नाम पर बुला रहे है और कहा जाता है कि मैं आर्मी में सैनिक हूं. हमारे कुछ साथीदार और परिवार को 10 से 20 लोगों की खूनी जांच व आदि प्रकार की जांच करनी है जिसके लिए लगने वाले पैसे ट्रान्सफर करने की डिमांड की जाती है लेकिन जब पैसे ट्रान्सफर करने करते समय क्यूआर कोड लिंक कर ठगबाज बडी ही चालाकी से संबंधित व्यक्ति के खाते से हजारों लाखों रुपयों की रकम निकालकर घटना को अंजाम दे रहे है.
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अंजान व्यक्ति से ना करें व्यवहार
आरोपियों द्बारा किराना दूकानदारों की किराने की सूची वॉटसअप पर भेजकर किराना सामान पैक करने की बताते है और पैसे देने के बहाने दूकान चालक की ई वैलेट जानकारी पाने हेतू क्यूआर कोड फेंक लिंक और ओटीपी द्बारा गोपनीय जानकारी लेकर धोखाधडी कर रहे है. शहर के सभी लेबारटरी चालक, किराना दूकान चालक, मेडिकल चालक, अत्यावश्यक सेवा देने वााले विक्रेता इन्होंने अज्ञात व्यक्ति से ऑनलाइन व्यवहार करते समय काफी ध्यान रखना होगा. अपने बैंक संदर्भ में किसी से भी ओटीपी नंबर शेयर ना करे ओर किसी भी क्यूआर कोड फेक लिंक पर क्लिक ना करें. किसी के साथ इस तरह की धोखाधडी होती है तो तुरंत पुलिस मुख्यालय स्थित साइबर सेल में पहुंचकर शिकायत दर्ज करें.