अमरावती

डिजिटल मीडिया ने हिंदी भाषा को वैश्विक मंच प्रदान किया

विद्यापीठ के मराठी व हिंदी विभाग प्रमुख डॉ. मोना चिमोटे का कथन

अमरावती/दि.28– आईआईएमसी में विशेष व्याख्यान में प्रो. मोना चिमोटे ने कहा डिजिटल युग में हिंदी के समक्ष आपार अवसर, चुनौतियां भी है. संत गाडगे बाबा अमरावती विश्वविद्यालय के मराठी व हिंदी विभाग प्रमुख तथा मानव्य शाखा की अधिष्ठाता प्रो. (डॉ.) मोना चिमोटे ने कहा कि डिजिटल मीडिया ने हिंदी भाषा को वैश्विक मंच प्रदान किया है. हिंदी भाषा का भविष्य न सिर्फ उज्ज्वल है, बल्कि नई तकनीक के साथ यह नित नए आयामों को स्पर्श कर रही है.
हिंदी पखवाड़े के तहत बुधवार को भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पश्चिम क्षेत्रीय परिसर अमरावती की ओर से एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया. व्याख्यान का विषय ‘डिजिटल मीडिया के दौर में हिंदी भाषा की चुनौतियां’ था. संत गाडगे बाबा अमरावती विश्वविद्यालय के मराठी व हिंदी विभाग प्रमुख तथा मानव्यशाखा की अधिष्ठाता प्रो. (डॉ.) मोना चिमोटे मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहीं. कार्यक्रम की अध्यक्षता आईआईएमसी के पश्चिम क्षेत्रीय निदेशक प्रो. (डॉ.) वीरेंद्र कुमार भारती ने की. इस अवसर पर संस्थान के शिक्षक डॉ. राजेश सिंह कुशवारहा, डॉ. विनोद निताले और डॉ. आशीष दुबे प्रमुख रूप से उपस्थित रहे.
प्रो. चिमोटे ने कहा कि डिजिटल मीडिया के दौर में हिंदी के साथ ही तमाम भारतीय भाषाओं के समक्ष कई सारी चुनौतियां खड़ी हुई है. इन चुनौतियों से मजबूती से निपटा जा सकता है. इसके लिए युवाओं और जन संचार के विद्यार्थियों को अपनी मातृभाषा का अधिकाधिक उपयोग करना होगा. इसके जरिए वे डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सृजित होने वाले अवसरों को भी भुना सकते है. भारत में इंटरनेट के उपयोगकर्ताओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है. साथ ही सोशल मीडिया के विविध प्लेटफार्म का उपयोग करने वालों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हुआ है. पिछले कुछ सालों में यह संख्या 200 प्रतिशत से अधिक बड़ी है. लेकिन दुख की बात यह है कि हमारी मातृभाषा हिंदी कम्प्युटर की मूल भाषा नहीं बन पाई है. हिंदी को प्रमुख स्थान दिलाने के लिए जरूरी है कि युवा वर्ग दैनिक संवाद और कामकाज में अधिक से अधिक हिंदी का उपयोग करे. केवल उपयोग ही नहीं करे, बल्कि उस पर गर्व भी करे.
आईआईएमसी के पश्चिम क्षेत्रीय निदेशक प्रो. (डॉ.) वीरेंद्र कुमार भारती ने कहा कि मीडिया में भाषा का महत्व यह है कि यह लोगों को जोड़ने का काम करती है. मीडिया में हिंदी भाषा का उपयोग विचारों, सूचना और ज्ञान को संप्रेषित करने के लिए किया जाता है. मीडिया में भाषा का उपयोग करने के लिए, मीडिया पेशेवर तकनीकी और प्रतिकात्मक सामग्री या कोड और परंपराओं का उपयोग करते हैं. मीडिया में भाषा के विभिन्न प्रकार हैं, जिनमें लिखित, मौखिक, गैर-मौखिक, दृश्य और श्रवण शामिल हैं. मीडिया में भाषा का उपयोग करते समय, यह महत्वपूर्ण है कि भाषा रोजमर्रा के उपयोग की हो.
इस अवसर पर निदेशक प्रो. (डॉ.) वीरेंद्र कुमार भारती ने शिक्षक और विद्यार्थियों को राजभाषा की शपथ दिलाई. कार्यक्रम से पूर्व संस्थान में पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. इसका उद्घाटन प्रो. मोना चिमोटे ने किया. मंच संचालन डॉ. आशीष दुबे ने किया. आभार प्रदर्शन डॉ. राजेश सिंह कुशवाहा ने किया. अतिथि का परिचय डॉ. विनोद निताले ने दिया. कार्यक्रम में आईआईएमसी के हिंदी, मराठी और अंग्रेजी पत्रकारिता पाठ्यक्रम के समस्त विद्यार्थी उपस्थित रहे.

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