अमरावतीमहाराष्ट्र

डिजिटल तकनीक ने बदल दिया पत्रकारिता का स्वरूप- संपादक सरिता कौशिक

आईआईएमसी में मराठी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर हुआ संपादक संवाद

अमरावती/दि.06– डिजिटल मीडिया ने पत्रकारिता का स्वरूप बदल दिया है. प्रौद्योगिकी के आगमन से समाचार प्रसारण की प्रकृति में तेजी आई है लेकिन पत्रकारिता का मूल मूल्य नहीं बदला है. पत्रकारिता का उद्देश्य और लक्ष्य वही है जो कल था केवल पत्रकारिता का प्रसारण बदल गया है, वह डिजिटल हो गया है. इस तरह के वक्तव्य एबीपी माझा न्यूज चैनल की कार्यकारी संपादक सरिता कौशिक ने कहे. वे आईआईएमसी में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रही थी.

भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) के पश्चिमी क्षेत्रीय परिसर में 6 जनवरी को मराठी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर संपादक संवाद के तहत ‘डिजिटल युग में मराठी पत्रकारिता‘ विषय पर एक विशेष व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस अवसर पर मुख्य मार्गदर्शक के रूप में सरिता कौशिक ने विद्यार्थियों से संवाद किया. कार्यक्रम में संस्थान के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. राजेश सिंह कुशवाहा, डॉ. विनोद निताले, डॉ. आशीष दुबे आदि उपस्थित थे. कार्यक्रम के प्रारंभ में आद्य पत्रकार बालशास्त्री जांभेकर की प्रतिमा का पूजन किया गया. इस मौके पर मराठी पत्रकारिता पाठ्यक्रम के छात्रों ने ’लभाले भाग्य अम्हास बोलतो मराठी’ गीत प्रस्तुत किया. इस अवसर पर एक प्रायोगिक समाचार पत्र का भी प्रकाशन किया गया.

सरिता कौशिक ने कहा नई मीडिया के कारण मराठी पत्रकारिता पहले से अधिक गतिशील हो गई है. आज स्मार्टफोन की वजह से लोगों की जेब तक खबर पहुंच गई है. डिजिटल पत्रकारिता के कारण अब किसी भी घटना की जानकारी लोगों तक तुरंत पहुंचना संभव हो गया है. डिजिटल मीडिया ने रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध कराये हैं. डिजिटल तकनीक ने न केवल मीडिया में करियर के लिए बल्कि इस क्षेत्र में उद्योजक के रूप में करियर के लिए भी अवसर प्रदान किए हैं. उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे इस नए मीडिया का उपयोग केवल मनोरंजन के लिए न करें बल्कि इसे रोजगार और व्यवसाय के नए साधन के रूप में देखें. इस अवसर पर विद्यार्थियों ने प्रश्नोत्तरी सत्र के माध्यम से सरिता कौशिक से संवाद किया. अध्यक्षीय भाषण में डॉ. राजेश कुशवाहा ने डिजिटल मीडिया की भाषा शैली पर मार्गदर्शन किया. सूत्रसंचालन डॉ. विनोद निताले इन्होने किया. अतिथियों का परिचय डॉ. आशीष दुबे ने दिया . इस अवसर पर मराठी, हिंदी और अंग्रेजी पत्रकारिता पाठ्यक्रम के छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित थे.

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