प्रतिनिधि/दि.२१
अमरावती – फसल कर्ज वितरण के लिए डिजीटल ७/१२ को ग्राह्य माना जाये तथा तलाठी के सही-शिक्के का आग्रह करते हुए किसानों को कर्ज देने से मना ना किया जाये. इस आशय के स्पष्ट दिशानिर्देश जिलाधीश शैलेश नवाल ने गत रोज विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधियों को दिये.
जिलाधीश शैलेश नवाल ने गत रोज खरीफ फसल कर्ज वितरण तथा महात्मा ज्योतीराव फुले कर्ज मुक्ति योजना के कामों को लेकर अपने कक्ष में बैठक लेते हुए समीक्षा की. इस अवसर पर जिला उपनिबंधक संदीप जाधव तथा अग्रणी बैंक के व्यवस्थापक जीतेंद्रकुमार झा सहीत विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधी उपस्थित थे.
इस समय जिलाधीश नवाल ने कहा कि, डिजीटल ७/१२ अपने आप में एक अधिकृत दस्तावेज है. जिसे कर्ज वितरण हेतु ग्राह्य माना जाना चाहिये. कर्ज वितरण के लिए आवश्यक रहनेवाले दस्तावेजों के संदर्भ में इसे पहले ही समय-समय पर आवश्यक निर्देश जारी किये जा चुके है. ऐसे में अनावश्यक दस्तावेज नहीं मांगे जाने चाहिये. इसी तरह महात्मा ज्योतीराव फुले कर्जमुक्ति योजना में किसानों को फसल कर्ज वितरित करते समय आधार कार्ड, ७/१२ व ८-अ इन दस्तावेजों की मांग की जानी चाहिए. इसके अलावा जिलाधीश शैलेश नवाल ने भारतीय स्टेट बैंक के कर्ज वितरण का प्रमाण कम रहने को लेकर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि, अमरावती जिले में ६९५ करोड ३६ लाख रूपयों का ही कर्ज वितरण हुआ है, जो तय किये लक्ष्य की तुलना में मात्र ४० फीसदी है. ऐसे में सभी बैंकों ने कर्ज आपूर्ति की प्रक्रिया में अधिक से अधिक किसानों को शामिल करने हेतु प्रयास करना चाहिए और कर्ज वितरण को गति प्रदान करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि, कर्ज मुक्ति योजना में अब भी ९ हजार १११ किसानों का आधार प्रमाणिकरण होना बाकी है. जिसमें भारतीय स्टेट बैंक के २ हजार १६७, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के २ हजार ५०८ तथा बैंक ऑफ महाराष्ट्र के १ हजार २५३ खाताधारकों का समावेश है. इन बैंकों ने संबंधित किसानों से तुरंत संपर्क साधते हुए उनका आधार प्रमाणिकरण जल्द से जल्द करवाना चाहिए.