लोकतंत्र की गरिमा व प्रधानमंत्री का कद दस गुना बढ गये
कृषि कानूनों की वापसी पर बोली सांसद नवनीत राणा
अमरावतीधि/दि.19- आज गुरू पूरब के दिन तीन कृषि कानूनों को किसानोें की भावना को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वापिस लिया गया. इस जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के प्रति अपना समर्पित भाव बताने के साथ ही किसानों और उनकी भावनाओं को उचित सम्मान किया है. यह पहली बार हुआ है, जब जनभावनाओं को देखते हुए संसद में पारित कोई कानून वापिस लिया गया. इससे भारतीय लोकतंत्र तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कद दस गुना अधिक बढ गया है. इस आशय का प्रतिपादन जिले की सांसद नवनीत राणा द्वारा किया गया.
केंद्र सरकार द्वारा आज सुबह तीन कृषि कानूनों को वापिस लिये जाने के संदर्भ में फैसला लिये जाते ही स्थानीय मीडिया के नाम जारी अपने वीडियो संदेश में सांसद नवनीत राणा ने कहा कि, तीनों कृषि कानूनों को वापिस लेते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुले दिल से यह स्वीकार किया कि वे विगत एक वर्ष के दौरान समाज के एक बडे वर्ग को इन कृषि कानूनों का महत्व समझाने में असफल रहे. अपनी असफलता को स्वीकार करना मौजूदा राजनीतिक दौर में एक बडी बात है. वहीं दूसरी ओर कई राजनीतिक दलों द्वारा कृषि कानूनों को वापिस लिये जाने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हार और किसानों की जीत बताये जाने को पूरी तरह से गलत बताते हुए सांंसद नवनीत राणा ने कहा कि, यह भले ही किसानों द्वारा किये जा रहे संघर्ष की जीत है, किंतु पीएम मोदी की हार तो कतई नहीं है, क्योंकि पीएम मोदी ने किसानों की भलाई के लिए ही इन तीन कानूनों को संसद के दोनों सदनों की मंजूरी के साथ लाया था. आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ, जब तक संसद के दोनों सदनों की मंजूरी और राष्ट्रपति की मान्यता के बाद अस्तित्व में आये किसी कानून को किसी भी सरकार या प्रधानमंत्री द्वारा वापिस लिया गया. किंतु जिन लोगों के लिए यह कानून बनाया गया था, उनके ही द्वारा किये जा रहे विरोध को देखते हुए सरकार का मुखिया होने के नाते प्रधानमंत्री मोदी ने इन कानूनों को वापिस लेने का फैसला किया. यह अपने आप में एक बेहद महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक घटना है.
* अब विपक्षियों के पास कोई मुद्दा नहीं
इसके साथ ही सांसद नवनीत राणा ने यह भी कहा कि, कृषि कानूनों की आड लेकर विगत एक वर्ष से देश में कई राजनीतिक दल किसानों को भडकाते हुए अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे थे. किंतु आज उनके हाथ से यह मुद्दा भी निकल गया. सांसद नवनीत राणा ने यह भी कहा कि, विपक्षी दलों के पास विकास को लेकर कोई दृष्टिकोण नहीं है और वे पूरा समय केंद्र सरकार को घेरने तथा कोसने में ही खर्च करते है. लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी ने उनके हाथ से यह मौका भी छीन लिया है.