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दिनेश बूब को आश्चर्यजनक रुप में दर्यापुर से 20 हजार वोट

मेलघाट विधानसभा में कमल को पर्याप्त लीड नहीं मिली

* अमरावती विधानसभा की बंफर लीड ने पंजे को जिताया
* राणा को बडनेरा और मेलघाट में तथा वानखडे को चार विधानसभा में लीड
अमरावती/दि. 5 – विधानसभा निहाय लोकसभा चुनाव के परिणामों पर गौर करें तो स्पष्ट होता है कि, कांग्रेस के बलवंत वानखडे की चुनावी सफलता में चार विधानसभा क्षेत्र में मिली लीड प्रभावी रही. तुलना में भाजपा की नवनीत राणा मात्र मेलघाट तथा बडनेरा क्षेत्र में बढत ले सकी. यह भी कहा जा रहा है कि, आदिवासी बहुल मेलघाट से नवनीत राणा को भारी वोटो की लीड की अपेक्षा थी. वह अपेक्षा पूर्ण न हो सकी. ऐसे ही अमरावती विधानसभा में भी राणा पिछड गई. बलवंत वानखडे को यहां कांग्रेस द्वारा सोची गई लीड से कही अधिक वोट मिलने से प्रत्येक कांग्रेसजन गदगद है. मुस्लिम बहुल भागों में तो पंजा एकतरफा चला, यह चर्चा मतदान के दिन से चल रही थी. जो ईवीएम से आंकडे बाहर आने पर स्पष्ट हुआ कि, सही बात थी.
नवनीत राणा ने बडनेरा में 28 हजार से अधिक वोटो की बढत ली थी. मेलघाट में भी उनकी अपने निकटतम प्रतिस्पर्धी बलवंत वानखडे के मुकाबले करीब 30 हजार वोटो की बढत थी. किंतु अचलपुर, दर्यापुर, तिवसा और अमरावती में राणा वानखडे की तुलना में पीछे रह गई. उनकी मेलघाट और बडनेरा की लीड को कुछ हद तक अमरावती विधानसभा की वानखडे की लीड ने कम कर दिया. तो दर्यापुर, तिवसा, अचलपुर की लीड वानखडे को विजयी की राह पर आगे बढा दिया. वानखडे ने 24 वर्षो बाद पंजा लाया. प्रमुख प्रत्याशियों में बलवंत वानखडे अमरावती में 41 हजार, तिवसा में 11 हजार, दर्यापुर में 8500 और अचलपुर में 7 हजार की लीड नवनीत राणा पर प्राप्त कर चुके थे. अमरावती में उनकी लीड का कारण सभी एरिया में पंजे को बंपर वोटिंग बताया गया. उसी प्रकार मुस्लिम क्षेत्र में पंजा एकतरफा वोट हासिल कर गया. तुलना में दिनेश बूब का अमरावती विधानसभा में 7 हजार भी वोट प्राप्त न कर पाना कई लोगों को अचरज में डाल गया है. अमरावती में प्रचार के अंतिम दिन बूब की रैली में 15 हजार से अधिक लोग सीटी बजा रहे थे.
तीसरे प्रमुख उम्मीदवार दिनेश बूब ने बडनेरा मेें 8394, अमरावती विधानसभा में 6863, तिवसा में 11153, दर्यापुर में 20962, मेलघाट में 10256, अचलपुर में सर्वाधिक 27357 और पोस्टल बैलेट मिलकर 85300 वोट हासिल किए. प्रहार के दो विधानसभाओं में विधायक रहने पर भी कहा जा रहा है कि, बूब अपेक्षित मात्रा में वोट प्राप्त नहीं कर सके.
रिपब्लिकन सेना के आनंदराज आंबेडकर को विधानसभा निहाय वोटो की बात करें तो सबसे ज्यादा 6 हजार 980 वोट दर्यापुर में प्राप्त हुए. अमरावती में महज 1465, तिवसा में 5874, अचलपुर में 1321, मेलघाट में 572 और बडनेरा में 2501 वोट ही मिले. उन्हें कुल 18793 वोटो पर संतोष करना पडा है.
बहुजन समाज पार्टी कभी अमरावती में लाख वोट लेती थी. इस बार उसके उम्मीदवार का ही पता किसी न था. संजयकुमार गाडगे ने ईवीएम पर तीसरे नंबर पर नाम और मुहर रहने के बाद भी केवल 4513 वोट पाए. उन्हें बडनेरा में 929, अमरावती 595, तिवसा में 813, दर्यापुर में 573, मेलघाट में 1097 और अचलपुर में 478 वोट मिले.

* अब विधानसभा की हलचल
लोकसभा के बाद विधानसभा चुनाव जल्द होने के आसार हैं. ऐसे में विधानसभा चुनाव की भी चर्चा शुरु हो गई है. महायुति और महाविकास आघाडी में सीटों का तालमेल होने पर आगे की रणनीति बनेगी. अभी तो आघाडी जल्लोष मना रही है. वहीं महायुति में घटक दल खासकर भाजपा चिंतन-मनन में लगी है.

 

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