अमरावती/दि.13- जिन किसानों के पास विगत मौसम का सोयाबीन शेष है, उन्होंने उन बीजों की घरेलु सरल पद्धति से बुआई क्षमता जांच की व तत्पश्चात उन बीजों को बुआई के लिए इस्तेमाल करने पर किसानों के उत्पादन खर्च में बचत होगी और बीज खरीदते समय होने वाली धोखाधड़ी को टाला जा सकेगा. इस बाबत जनजागृति करने के लिए कृषि विभाग द्वारा खरवाड़ी व खराला (चांदूर बाजार) में सोयाबीन बीजों की उगवण क्षमता जांच. प्रात्यक्षिक कृषि सहायक छाया लोमटे-कलसकर की ओर से ली गई.
अमरावती सहित संपूर्ण विदर्भ व महाराष्ट्र में सोयाबीन फसल का क्षेत्र काफी बड़ा है. जिसके चलते सोयाबीन के अच्छे बीजों की मांग भी हर साल बढ़ती है. प्रत्येक खरीफ मौसम में किसानों को अच्छे दर्जे के सोयाबीन के बिजों के लिए दौड़धूप करनी पड़ती है. सोयाबीन के सभी वाण यह सुधारित है. कोई भी संकरित बीज सोयाबीन फसल में उपलब्ध नहीं.बाजार से हर साल बीजों की खरीदी करना आवश्यक नहीं ऐसी जानकारी खारवाड़ी व खराला की कृषि सहायक छाया लोमटे- कलसकर ने उपस्थित किसानों को देकर उगवण क्षमता जांच की पद्धति को पूरी तरह से समझा.
इस प्रात्यक्षिक बाबत कृषि विभाग, तांदूर बाजार की ओर से बड़े पैमाने पर जनजागृति किये जाने के साथ ही इसके लिए तहसील कृषि अधिकारी शिवाजी दांडेगावकर व मंडल कृषि अधिकारी फाल्गुनी ननीर के मार्गदर्शन सभी कृषि सहायक व किसानों को मिल रहा है.