आखिरकार निदेशक प्रकाश कालबांडे अयोग्य घोषित
जिला बैंक के पूर्वाध्यक्ष बबलू देशमुख गुट को तगडा झटका
* विभागीय संयुक्त पंजीयक का आदेश, सहकारिता विभाग में मचा हडकंप
अमरावती /दि. 11– विधानसभा चुनाव के डेढ माह बाद जिला मध्यवर्ती बैंक के पूर्वाध्यक्ष बबलू देशमुख गुट को बडा झटका लगा है. जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के संचालक प्रकाश कालबांडे को अयोग्य घोषित कर दिया गया है. विभागीय संयुक्त रजिस्ट्रार ने यह आदेश जारी किया है. इस निर्णय से जिले के सहकारिता क्षेत्र में हडकंप मच गया है. इस प्रकरण में निदेशक आनंद काले ने प्रकाश कालबांडे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के निदेशक प्रकाश कालबांडे को संभागीय संयुक्त रजिस्ट्रार द्वारा अपात्रता का नोटिस दिया गया. कालबांडे के मामले में संभागीय संयुक्त रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा सुनवाई की गई. जिसमें इस नोटिस का जवाब प्रस्तुत किया गया. इस मामले की सुनवाई तीन महिने से चल रही थी. इस बीच गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान प्रकाश कालबांडे को जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के संचालक पद के लिए अपात्र घोषित कर दिया गया. प्रकाश कालबांडे जिला केंद्रीय बैंक के सदस्य बनने के पात्र थे. क्योंकि, वे महर्षि बापूसाहेब कालबांडे स्कूल कर्मचारी सहकारी ऋण सोसायटी के सदस्य थे. इसलिए उन्होंने अब तक निदेशक पद के लिए चुनाव लडा और लगातार जीत हासिल की है. चूंकि वह 30 सितंबर 2018 को सेवा से सेवानिवृत्त हो गए थे. इसलिए इस क्रेडिट संस्थान के उपनियमों के अनुसार एक निम है कि, एक सेवानिवृत्त कर्मचारी सदस्य नहीं रह सकता है. इसलिए इन मुद्दों पर बैंक के अध्यक्ष पूर्व मंत्री बच्चू कडू और निदेशक आनंद काले ने क्रेडिट संस्था के सदस्य प्रकाश कालबांडे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की. जांच पूरी होने के बाद क्रेडिट संस्थान ने 4 जुलाई 2024 के आदेश द्वारा उनकी सेवानिवृत्ति के कारण उनकी सदस्यता रद्द कर दी है. इस फैसले के आधार पर उन्हें जिला केंद्रीय बैंक के निदेशक पद से अयोग्य घोषित करने की मांग की गई. इस मामले की जांच भी संभागीय संयुक्त रजिस्ट्रार द्वारा शुरु की गई थी. अंत में डिवीजनल ज्वाइंट रजिस्ट्रार ने कालबांडे को नोटिस जारी कर पूछा कि, उन्हें बैंक के निदेशक के रुप में अयोग्य क्यों न घोषित किया जाए और उन्हें लिखित स्पष्टीकरण के लिए 13 अगस्त को दोपहर 2 बजे कार्यालय में उपस्थित होने को कहा. लेकिन प्रकाश कालबांडे ने अपना जवाब देने के लिए सात दिन यानी 20 अगस्त तक का समय मांगा था. इस बीच 5 सितंबर 2024 से 9 जनवरी 2025 तक चार महीनों में कई सुनवाइयां हुई. अंतत: गुरुवार को जारी आदेश में प्रकाश कालबांडे को बैंक के निदेशक पद से अयोग्य घोषित कर दिया गया. इस निर्णय से अब विपक्षी दल के निदेशकों की संख्या एक कम हो गई है.
* मैं आज भी पद पर कायम
बैंक के गैरप्रकार और भ्रष्टाचार को उजागर करने का मेरा प्रयास जारी है. संचालक मंडल की बैठक से लेकर उपनिबंधक कार्यालय को इस बाबत 100 से अधिक पत्र दिए है. लेकिन इन सब बातों को रफादफा करने के लिए राजनीतिक दबाव में यह सिलसिला जारी है. लेकिन मुझे हाईकोर्ट का प्रोटक्शन रहने के कारण मैं संचालक पद पर आज भी कायम हूं. भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लडाई जारी रहेगी.
– प्रकाश कालबांडे, संचालक, जिला बैंक, अमरावती.